सिराथू में केशव का पलड़ा भारी! भाजपा को पहले भी दिला चुके हैं जीत
उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी को होना है। इस चरण में 12 जिलों की 61 सीटों पर 692 उम्मीदवार मैदान में हैं. सिराथू विधानसभा सीट पर भी इसी चरण में मतदान होगा। कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट इस बार काफी चर्चा में है क्योंकि मौजूदा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य इसी सीट से चुनावी मैदान में हैं. इस सीट से उनका पुराना रिश्ता है। वह पहली बार 2012 में सिराथू से ही विधायक चुने गए थे. हालांकि, पूरे क्षेत्र की राजनीति में वह पिछले तीन दशकों से सक्रिय हैं और सामाजिक कार्यों में भूमिका निभाते रहे हैं.
सिराथू पर लड़ाई रोचक
कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट पर लड़ाई काफी रोचक होने वाली है. यहां केशव प्रसाद मौर्य को टक्कर देने के लिए सपा-अपनादल गठबंधन की ओर से पल्लवी पटेल को मैदान में उतारा गया है. हालांकि, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि राजनीतिक प्रोफाइल के लिहाज से केशव प्रसाद मौर्य काफी मजबूत हैं. यूपी के उप मुख्यमंत्री के रूप में केशव प्रसाद मौर्य अपना पहला कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. केशव प्रसाद मौर्य ही वह नेता हैं, जिन्होंने इस सीट पर पहली बार भाजपा का खाता खोला था.
केशव प्रसाद मौर्य इस विधानसभा क्षेत्र से पहले भी विधायक रह चुके हैं इसीलिए उनके समर्थकों में फिर से उत्साह है. उन्होंने सबसे मिलने वाले, सबको साथ लेकर चलने वाले नेता के रूप में छवि स्थापित की है. उन्हें लेकर सभी समाज में पूरी तरह स्वीकार्यता नजर आती है. ऐसे में केशव प्रसाद मौर्य भी काफी जीत को लेकर निश्चिंत नजर आ रहे हैं. वह अपनी सीट के साथ ही साथ पूरे प्रदेश भर की सीटों पर चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
बदला है सिराथू का इंफ्रास्ट्रक्चर
भाजपा सरकार के दौरान कौशांबी और सिराथू में इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी काम किया गया है. कई बड़ी परियोजनाएं यहां पूरी हो चुकी हैं. धार्मिक लिहाज से क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित मंदिर शक्तिपीठ शीतला धाम मंदिर परिसर को और चमकाया गया है. इतिहास को संजोने के लिए ओवरब्रिज का नाम संत मलूकदास और बिजली पासी के नाम पर रखा गया है.
पासी बाहुल्य इलाके के मायने
ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी सरकारी योजना को पासी साम्राज्य के बड़े राजा रहे बिजली पासी का नाम दिया गया हो. पासी बाहुल्य इलाके में इसके बहुत मायने हैं. इन सबसे भाजपा इस इलाके में अपनी पकड़ मजबूत मान रही है. इसके अलावा ऐतिहासिक विरासतों के भी बचाया जा रहा है. बीते कुछ समय में दुर्गा भाभी के स्मारक और घर का भी विकास किया गया है. आजादी की लड़ाई में उनका बड़ा योगदान रहा है.