श्री कृष्ण जन्म स्थान में 14 मार्च को खेली जाएगी लट्ठमार होली, रंग गुलाल की बरसात के साथ भक्तों के लिए ये होगी खास व्यवस्था
इनों दिनों मथुरा में होली को लेर तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. वहीं आज फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया. आज के दिन ब्रज में भगवान श्री कृष्ण के साथ फूलों की होली खेली जाती है. वहीं ब्रज के मंदिरों में होली का आयोजन तो बड़े ही धूमधाम के साथ किया जाता है. इसके साथ ही प्रसिद्ध लट्ठमार होली श्री कृष्ण जन्म स्थान में 14 मार्च को खेली जाएगी.
दरअसल ब्रज में होली का विशेष महत्व है, कहा जाता है कि राधा कृष्ण के प्रेम के प्रतीक के रंग यदि भक्तों पर चड़ जाए तो वह राधा कृष्ण के प्रेम के समान ही माना जाता है और ब्रज में रंग गुलाल बड़े ही हर्षोल्लास के साथ उड़ाया जाता है और एक दूजे पर लगाया जाता है. वहीं मथुरा श्री कृष्ण जन्म स्थान में इस बार होली का आयोजन 14 मार्च को किया जाएगा, जिसमें श्री कृष्ण जन्मस्थान पर रंगभरी एकादशी के दिन सुप्रसिद्ध लठमार होली का आयोजन होगा. साथ ही प्रिया-प्रियतम की इस प्रेम-रसमयी होली के भव्य एवं दिव्य रूप के आयोजन के लिए बुधवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान एवं श्रीकृष्ण लठमार होली समिति की बैठक हुई.
कृष्ण जन्मस्थान की केशव वाटिका में होगा लट्ठमार होली का आयोजन
बैठक में मौजूद संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री कृष्ण जन्मस्थान की केशव वाटिका में लट्ठमार होली का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया जाएगा. इस दिन मशहूर बृज गायक जगदीश बृजवासी का गायन होगा जिसमें वह अपने सहयोगी राजेश शर्मा और शालिनी के साथ मिलकर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे. साथ ही इस वर्ष लठमार होली में ग्राम के हुरियारे-हुरियारिनों के साथ श्रीकृष्ण जन्मस्थान से जुड़े भक्तजन की भी सहभागिता रहेगी. इसके साथ लठमार होली को अधिक भव्य बनाने के लिए रंग गुलाल की बरसात होगी साथ ही टेसू के रंग की भी होली खेली जाएगी और गुलाब के पुष्पों की वर्षा भी की जाएगी जिससे होली में अलग ही आनंद भक्तों को प्राप्त होगा.
वहीं आज फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का पर्व प्रसिद्ध राधाबल्लभ मंदिर में मनाया गया.वहीं, इस होली का आनंद लेने के लिए दूर-दूर से भक्त गण मंदिर आए थे और होली का आनंद ले रहे थे. साथ में आज बिरज में होली रे रसिया का गायन भी कर रहे थे. वहीं,मंदिर के समाज द्वारा समाज गायन का आयोजन भी किया गया, जिसमें उन्होंने होली के पदावली का गायन ठाकुर राधा वल्लभ लाल के समक्ष किया.