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16th Finance Commission Meeting: केंद्र के साथ कर राजस्व में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी चाहते हैं ज्यादातर राज्य, बोले पनगढ़िया- मौजूदा समय में मिलती है 41 प्रतिशत हिस्सेदारी

लखनऊ। सोलहवें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने बुधवार को कहा कि देश के 28 में से 20 से अधिक राज्यों ने आयोग से केंद्र और राज्यों के बीच कर राजस्व वितरण को बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का आग्रह किया है। देश के विभिन्न राज्यों में परामर्श यात्रा के तहत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे 16वें वित्त आयोग के चेयरमैन पनगढ़िया ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वर्तमान में राज्यों को कर राजस्व का 41 प्रतिशत मिलता है जबकि बाकी हिस्सा केंद्र के पास जाता है।

पनगढ़िया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले वित्त आयोग ने राज्यों के लिए कर राजस्व में 41 प्रतिशत हिस्सा और केंद्र के लिए 59 प्रतिशत भाग निर्धारित किया था।’’ उन्होंने कहा, ”अन्य राज्य सरकारों की तरह उत्तर प्रदेश सरकार ने भी राजस्व में हिस्सेदारी को मौजूदा 41 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग की है। देश के 28 में से 22 से अधिक राज्यों ने यही मांग की है।”

हालांकि, उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि राष्ट्रपति को भेजी जाने वाली वित्त आयोग की सिफारिशों में इसे शामिल किया जाएगा या नहीं। इससे पहले, अपने संबोधन में पनगढ़िया ने कहा कि अभी तक यह परंपरा रही है कि वित्त आयोग की सिफारिशों को यथावत स्वीकार किया जाता था। 16वें वित्त आयोग का गठन संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत 31 दिसंबर, 2023 को किया गया था। इसका प्राथमिक कार्य एक अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि के लिए केंद्र और राज्यों के साथ-साथ राज्यों के बीच कर राजस्व के वितरण की सिफारिश करना है। आयोग द्वारा 31 अक्टूबर, 2025 तक अपनी रिपोर्ट पेश किये जाने की संभावना है। इसकी सिफारिशें वर्ष 2026-27 से 2030-31 तक के लिए होंगी।

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