

मायावती ने कहा कि अमित शाह का बयान बाबा साहब आंबेडकर के योगदान और उनकी विचारधारा को नकारने जैसा है, जो भारतीय समाज में जातिवाद और असमानता के खिलाफ संघर्ष के प्रतीक रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री का बयान राजनीतिक हितों के तहत दिया गया है, जो समाज में ध्रुवीकरण और नफरत फैलाने का काम कर रहा है। बसपा प्रमुख ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से अपील की है कि वे इस अपमानजनक बयान का विरोध करें और समाज में आंबेडकर के विचारों को मजबूती से फैलाने का काम करें।
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इसके साथ ही, मायावती ने सरकार से मांग की कि वह बाबा साहब के योगदान को सम्मान देने के लिए उचित कदम उठाए। उनके अनुसार, यह विरोध सिर्फ पार्टी का नहीं, बल्कि समूचे दलित समाज का विरोध है, और इसे नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस मामले में उचित कदम नहीं उठाती है, तो बसपा और भी बड़े विरोध प्रदर्शनों की योजना बनाएगी और आंबेडकरवादी समुदाय को उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित करेगी।