खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्योग लगाने पर सरकार द्वारा दी जा रही हैं, अनेक सुविधाएं: केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के क्षेत्र में राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिए प्रदेश मे निवेश के लिए बहुत सुनहरा अवसर है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने हेतु तथा उद्यमियों की सुविधा के लिए अनेक तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। सरकार निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है और उन्हें अनुदान, ब्याज उपादान, परिवहन अनुदान समेत अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की गई है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि नवीन खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां लगाने पर परियोजना लागत (तकनीकी सिविल कार्य/प्लांट मशीनरी) का 35 प्रतिशत अधिकतम रू. 5 करोड़, इकाइयों के विस्तारीकरण,/आधुनिकीकरण/उन्नयन पर परियोजना लागत (तकनीकी सिविल कार्य/प्लांट मशीनरी) का 35 प्रतिशत, अधिकतम रूपये एक करोड़ का अनुदान अनुमन्य है। कृषि प्रसंस्करण समूह पर न्यूनतम निवेश रू. 25 करोड़ (5 इकाई) परियोजना लागत का 35 प्रतिशत अधिकतम रू. 10 करोड़ अनुदान अनुमन्य है।
मोबाइल प्रीकूलिंग यूनिट/रेफर वैन के ऋण पर अधिकतम पांच वर्ष के लिए रू. 50 लाख तक ब्याज उपादान की सुविधा दी जा रही है। खाद्य प्रसंस्करण इकाई से निर्यातक देश तक परिवहन लागत का 25 प्रतिशत परिवहन अनुदान भी दिये जाने का प्राविधान है, इसके साथ ही प्रमुख प्रोत्साहन विशेषताओं के अंतर्गत गैर कृषि उपयोग की घोषणा पर 2 प्रतिशत की छूट, सरकारी भूमि के विनिमय पर, सर्किल रेट पर 25 प्रतिशत की छूट, भूमि उपयोग के रूपांतरण पर परिवर्तन शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट दिये जाने का प्राविधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, भूमि क्रय हेतु स्टाम्प शुल्क की प्रतिपूर्ति का, प्रदेश में प्रसंस्करण के लिए खरीदे गये कच्चे माल पर मण्डी शुल्क/उपकरण में छूट दिये जाने तथा प्रसंस्करण इकाइयों द्वारा कृषकों से सीधे खरीदे कृषि उत्पाद पर मंडी शुल्क/उपकर से छूट है। निवेशक, निवेश मित्र पोर्टल ीजजचरूध्ध्दपअमेीउपजतंण्नचण्दपबण्पद पर आवेदन कर सकते हैं।