बदमाशों ने 2 साल की लड़की और उसकी माँ को बनाया बंधक, SSP ने ताऊ बनकर किया गिरफ्तार
वाराणसी में रविवार को एक घटना घटित हुई यहाँ बदमाशों ने एक २ साल की बच्ची मैत्री और उसकी माँ को उन्ही के घर में एक कमरे में बंधक बना लिया। और बंधक बनाने के बाद 10 लाख रुपये की मांग कर दी। सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस पहुंची ने बदमाशों से बातचित का सिलसिला शुरू किया । एसीपी कैंट डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी भी सूचना मिलने पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली।
घटना विस्तार से
रविवार दोपहर के समय वाराणसी के बड़ा लालपुर की वीडीए कॉलोनी फेज-1 में एक घटना घटित हुई यहाँ दो बदमाश एनटीपीसी से रिटायर्ड इंजीनियर के घर में चाक़ू लेकर घुस गए। बदमाशों ने दो साल की बच्ची के गले पर चाक़ू सटा दिया, और बच्ची उसकी शिक्षिका माँ को बंधक बना लिया। बंधक बनाने के बाद बदमाशों ने 10 लाख रुपये की फिरौती भी मांगी। मांग पूरी ना करने पर जाने से मारने की धमकी दी। सूचना मिलने पर पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन सहित छः थानों की पुलिस, क्राइम ब्रांच और एसीपी भी मौके पर पहुंची। बदमाशों के चंगुल से माँ और बेटी को सुरक्षित छुड़ाने के लिए पुलिस कमिश्नरेट ने संयम के साथ काम लिया। एसीपी कैंट डॉ अतुल अनजान त्रिपाठी के इसके लिए सादे कपड़ो में बच्ची के ताऊ बनकर घर के अंदर गए और बदमशों से बातचीत की मौक़ा मिलते ही उन्होंने बदमाशों को दबोच लिया। इस रेस्क्यू ओप्रशन में एसीपी कैंट ने एक अहम् और उल्लेखनीय भूमिका निभाई। जिसके लिए पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने उन्हें और पोलरी टीम को शाबाशी दी।
बदमाशों ने बच्ची मैत्री और उसकी माँ सोनी को एक कमरे में बंधक बना रखा था। इसी बीच बदमाशों ने उन्हें छोड़ने के लिए १० लाख रुपये की मांग करी। जिसकी सूचना पुलिस को मिली फिर बदमाशों से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। इसी बीच कैंट के एसीपी डॉ अतुल अनजान त्रिपाठी वहाँ पर पहुंचे। और छोटो बच्ची और उसकी माँ सुरक्षित निकालने के लिए वो बच्ची मैत्री के पिता अनुपम के बड़े भाई बनकर घर के अंदर गए। अपने आप को मैत्री का ताऊ बताया और पैसो के लिए बात की। बदमाशों से बातचीत के दौरान एसीपी कैंट ने कहा कि इतनी जल्दी १० लाख रुपये का इंतजाम तो नहीं हो पायेगा। जितने की व्यपस्था हो सकती है उतने की करते है , पहले ५ लाख और फिर बाद में ६ लाख देने की बात पर सहमति बनी। बदमाशों ने बोला की उन्हें एक वाहन भी चाहिए वो दोनों माँ-बेटी के साथ उस वाहन से घर से बाहर जायेंगे और फिर शहर से बहार निकल जाने पर उन दोनों को छोड़ देंगे। और अगर पुलिस ने उनका पीछा किया तो उन दोनों को जान से मार देंगे। एसीपी, बदमाशों को वाहन उपलब्ध करने के लिए तैयार हो गए। उन्होंने इस बात का अंदाजा भी लगा लिया था कि बदमाशों का इरादा खतरनाक है। बदमाश बच्ची की गर्दन पर चाक़ू सटाये हुए थे। जिसके बाद वो कमरे से बाहर निकल आये।
एसीपी लाये बदमाशों के लिए मिठाई और पानी
कमरे से बाहर निकलने के बाद एसीपी ने परिवार के सदस्यों को समझाया कि बदमाशों को बातो में उलझा कर रखना है और वो जो भी मांग कहे उसके लिये हां बोलना है। बदमाशों से किसी भी बात के लिए नाराजगी नहीं दिखानी है , इसी बीच कमरे के बाहर अन्य पुलिसकर्मी भी आ गए। कुछ देर बाद एसीपी बदमाशों के लिए मिठाई और पानी लेकर आ गये। उन्होंने कमरे की बाहर से बदमाशों से कहा कि पैसो की व्यवस्था की जा रही है तबतक मिठाई खा कर पानी पी ले। जैसे ही एक बदमाश ने पानी लेने के लिए दरवाजा खोला वैसे ही एसीपी कैंट ने उसे दबोच लिया। ऐसा देख दूसरा बदमाश तबतक मैत्री की ओर भागा तो उनके पीछे मौजूद अन्य पुलिस कर्मियों ने उसे दबोच लिया। बदमाशो से छीनाझपटी के क्रम में एसीपी कैंट डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी के हाथ में चाकू लग गया, लेकिन उन्होंने उसकी कोई परवाह नहीं की। इसी दौरान सोनी को भी चाकू से खरोंच लगी। हालांकि तब तक दोनों बदमाश पुलिस टीम द्वारा दबोच लिए गए थे। एसीपी की सूझबूझ से बच्ची मैत्री और उसकी माँ को सकुशल बचा लिया गया है।