उत्तर प्रदेशलखनऊ

उप्र में वायरलेस की तरह प्रयुक्त होगा मोबाइल फोन, बाराबंकी से होगी शुरुआत

  • मुख्यमंत्री योगी ने उप्र के सभी थानों को सीसीटीवी से लैस करने के दिए निर्देश
  • आपातकालीन सेवाओं में क्विक रिस्पॉन्स जरूरी, और बेहतर करें 112 का रिस्पॉन्स टाइम : योगी
  • मुख्यमंत्री ने की यूपी-112 व 1090 सेवा तथा पुलिस की तकनीकी सेवाओं के कार्यों की समीक्षा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में मोबाइल फोन अब वायरलेस सेट के रूप में प्रयुक्त होगा। प्रारंभिक चरण में इस व्यवस्था को बाराबंकी में लागू किया जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए।

मुख्यमंत्री योगी मंगलवार को आपदकाल में पुलिस की त्वरित सहायता उपलब्ध कराने वाली यूपी-112 और महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की 1090 सेवा तथा उत्तर प्रदेश पुलिस की तकनीकी सेवाओं के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि तकनीक के बदलते दौर में पुलिस संचार प्रणाली को भी अपडेट किया जाना चाहिए। तकनीक की मदद से आज मोबाइल फ़ोन वायरलेस सेट के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। मोबाइल फोन और वायरलेस सेट के बीच संचार प्रणाली को अपनाया जाना चाहिए। प्रारंभिक चरण में इसे बाराबंकी पुलिस में लागू किया जाए।

उन्होंने प्रदेश के सभी 1758 थानों को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने का निर्देश दिया और कहा कि यह कार्य प्राथमिकता के साथ तत्काल पूरा किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जनसामान्य को आकस्मिक परिस्थितियों में कहीं भी कभी भी पुलिस की त्वरित सहायता उपलब्ध कराने में यूपी 112 सेवा उपयोगी सिद्ध हुई है। कुशल और समर्पित पुलिसकर्मियों ने यूपी 112 को आमजन की अपेक्षाओं के अनुरूप एक प्रोफेशनल सेवा के रूप में प्रस्तुत किया है। 112 के साथ 101, 108, 1090 और 181 आदि सेवाओं के एकीकरण, जीपीएस, रेडियो वायरलेस, मोबाइल व वेब एप जैसी तकनीक के प्रयोग ने इस सेवा को अत्यधिक व्यावहारिक बनाया है। योगी ने इस सेवा से जुड़े सभी पीआरवी कर्मी, ड्राइवर, तकनीकी सेवाएं दे रहे प्रोफेशनल्स, कॉल सेंटर कार्मिकों, सिविल पुलिस के कार्मिकों एवं अधिकारियों को बधाई भी दी।

112 का रिस्पॉन्स टाइम और बेहतर करने का निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि 112 जैसी आकस्मिक सेवाओं की उपयोगिता उसके क्विक रिस्पॉन्स पर निर्भर करती है। पीड़ित के फोन कॉल करने और पीआरवी द्वारा उस तक मदद पहुंचाने में वर्ष 2016 में जहां औसतन 01 घंटे का समय लगता था, आज इसे 9ः44 मिनट तक लाने में सफलता मिली है। रिस्पॉन्स टाइम को और बेहतर करने का उन्होंने निर्देश दिया। इसके लिए वाहनों की संख्या और कार्मिकों की संख्या बढ़ाने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस सेवा का किसी भी दशा में दुरुपयोग न हो।

रात्रि में महिलाओं के लिए एस्कॉर्ट बनाने का प्रयास अच्छा रहा

योगी ने कहा कि रात्रि में आवश्यकतानुसार महिलाओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए एस्कॉर्ट बनाने का अच्छा प्रयास हुआ है। कामकाजी महिलाओं को इससे बड़ा लाभ हुआ है। उन्होंने निर्देश दिया कि महिलाओं को गंतव्य तक पहुंचाने वाले वाहनों में महिला कॉन्स्टेबल की उपस्थिति जरूर हो।

आकस्मिक हेल्पलाइन नंबरों पर प्राप्त होने वाली हर सूचना को गंभीरता से लें

मुख्यमंत्री ने कहा कि आकस्मिक हेल्पलाइन नंबरों पर प्राप्त होने वाली हर सूचना को पूरी गंभीरता से लिया जाए। पीड़ित के साथ संवेदनशील व्यवहार हो। यथाशीघ्र समस्या का निस्तारण करने का प्रयास हो। पीड़ित की संतुष्टि को प्राथमिकता दें। महिला एवं बाल सुरक्षा की दिशा में अभिनव प्रयास करते हुए राज्य सरकार द्वारा गठित महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के द्वारा किये जा रहे प्रयास आज मॉडल बन रहे हैं। महिला सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन के लिए मिशन शक्ति की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है।

महिला बीट अधिकारियों को मिले दोपहिया वाहन की सुविधा

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार महिला पुलिस कर्मियों को बीट पुलिस के रूप में दायित्व दिया गया। आज 10,417 महिला बीट गठित हैं। महिला बीट अधिकारियों द्वारा 1 लाख 29 हजार से अधिक चौपाल आयोजित किया जाना और उसमें 19 लाख महिलाओं की सहभागिता इसकी उपयोगिता प्रदर्शित करती है। मुख्यमंत्री ने महिला बीट अधिकारियों को दोपहिया वाहन की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया और कहा कि इस संबंध में शासन की ओर से आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।

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