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यूपी फॉरेस्ट फोर्स का आधुनिकीकरण, रीयल-टाइम मानिटरिंग और इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट पर जोर

  • वन संरक्षण, प्रबंधन और वन अपराध के नियंत्रण के लिए यूपी वन एवं वन्य जीव विभाग का जरूरी कदम
  • सीएम योगी के मार्गदर्शन में यूपी फॉरेस्ट फोर्स का होगा आधुनिकीकरण
  • वन एवं वन्य जीव प्रबंधन के लिए विकसित किया जा रहा है इंटीग्रेटेड फॉरेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम
  • यूपी फॉरेस्ट फोर्स का होगा एआई, सेंसर युक्त कैमरे, जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस की मदद से आधुनिकीकरण
  • रीयल टाइम मॉनिटरिंग के लिए वन विभाग करेगा इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर की स्थापना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश वन एवं वन्यजीव विभाग ने सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप यूपी फॉरेस्ट फोर्स के आधुनिकरण की कार्ययोजना तैयार की है। यूपी के वन एवं वन्य जीव विभाग के संबंधित अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में वन संरक्षण, प्रबंधन, और वन्यजीव अपराधों की रोकथाम के लिए यूपी फॉरेस्ट फोर्स को आईटी और एआई तकनीकी एवं सेंसर युक्त कैमरे, जीपीए, ट्रैकिंग डिवाईस के प्रयोग से आधुनिकृत किया जाएगा।

इसके साथ ही एकीकृत वन प्रबंधन प्रणाली (IFMS) और रीयल-टाइम निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत कमांड सेंटर की स्थापना करना भी शामिल है। यह पहल न केवल प्रदेश में वन संरक्षण और प्रबंधन को बढ़ावा देगी, बल्कि डेटा-आधारित निर्णय और त्वरित कार्रवाई से वन अपरोधों में कमी को भी सुनिश्चित करेगी।

वन एवं वन्य जीव विभाग तैयार कर रहा है एकीकृत वन प्रबंधन प्रणाली

उत्तर प्रदेश, जो अपनी समृद्ध जैव-विविधता और वन संपदा के लिए जाना जाता है, लंबे समय से अवैध कटाई, वन्यजीव तस्करी और मानव-वन्यजीव संघर्ष जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। इन समस्याओं से निपटने के लिए प्रदेश के वन एवं वन्यजीव विभाग ने सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में आधुनिक तकनीकों और उपकरणों के प्रयोग से यूपी फॉरेस्ट फोर्स को अधिक सतर्क और सुदृढ़ बनाने की कार्य योजना तैयार की है।

इसके तहत वन एवं वन्य जीव विभाग ने एकीकृत वन प्रबंधन प्रणाली (IFMS) विकसित करने की योजना तैयार की है। जिसके तहत ड्रोन, सैटेलाइट इमेजरी, जीआईएस मैपिंग, और सेंसर-आधारित निगरानी जैसी अत्याधुनिक प्रणालियों का उपयोग कर मॉनिटरिंग और वन संरक्षण की प्रक्रिया को अधिक उपयुक्त बनाया जा सकता है। साथ ही यह प्रणाली वन क्षेत्रों में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखेगी, जिससे अप्रत्याशित और अवैध गतिविधियों की रोकथाम आसानी से की जा सकेगी।

केंद्रीकृत कमांड सेंटर के जरिये स्थापित की जाएगी डिजिटल नियंत्रण प्रणाली

वन एवं वन्य जीव विभाग प्रदेश के जंगलों, टाईगर रिजर्व, सफारी और नेशनल पार्कों में रीयल-टाइम निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत कमांड सेंटर की स्थापना करने जा रहा है। ये केंद्रीकृत कमांड सेंटर, डिजिटल नियंत्रण प्रणाली के जरिये वन एवं वन्यजीव प्रबंधन से संबंधित सभी प्रमुख कार्यों की निगरानी करेगा और उनका डेटा एकत्रित करेगा।

कमांड सेंटर में एकत्रित डेटा के एनालिसिस से वन अपराधों, आग की घटनाओं, और वन्यजीवों की आवाजाही की तत्काल जानकारी उपलब्ध होगी। जो कि इन अप्रत्याशित घटनाओं एवं अपराधिक गतिविधियों के संबंध में त्वरित एवं प्रभावी निर्णय लेने में सहायक होगा। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारा लक्ष्य आधुनिक तकनीक के उपयोग से प्रदेश में वन प्रबंधन और संरक्षण को अधिक कुशल और त्वरित बनाना है। उन्होंने बताया कि आईएफएमएस और केंद्रीकृत कमांड सेंटर के जरिए हम न केवल वन अपराधों को कम कर पाएंगे, बल्कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को भी नियंत्रित कर सकेंगे।

इसके अलावा, विभाग डेटा-आधारित निर्णय लेने पर भी जोर दे रहा है, इससे डिसीजन मेकिंग में सटीकता बढ़ेगी। साथ ही एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग कर वन्यजीवों की गतिविधियों और पर्यावरणीय परिवर्तनों का विश्लेषण कर दीर्घकालिक संरक्षण योजनाएं भी आसानी से तैयार की जा सकेंगी।

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