मायावती सरकार में दलितों पर सबसे ज्यादा हुए अत्याचार : एससी-एसटी आयोग अध्यक्ष
झांसी : उत्तर प्रदेश एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष डॉ राम बाबू रविवार को झांसी पहुंचे. उन्होंने सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता के दौरान मायावती पर हमला किया. कहा कि मायावती सरकार में दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुए. उनके कार्यकाल में आयोग में 65127 केस पंजीकृत हुए थे. वहीं, सपा सरकार में 23734 केस पंजीकृत हुए. जबकि भाजपा शासन में 14089 केस आए हैं. अध्यक्ष डॉक्टर रामबाबू अपने साथ तीनों सरकारों में आयोग के प्राप्त शिकायतों का वार्षिक तुलनात्मक अध्यन लेकर आए थे.
उन्होंने कहा- मायावती बाबा साहब का नाम लेती हैं. उनकी सरकार में ही सबसे ज्यादा अत्याचार अनुसूचित जाति पर हुआ. वह कहते हैं कि जितना ज्यादा दलित पिटेगा-कुटेगा हमारे पास आएगा. वह नेगेटिव राजनीति करती हैं. उनका कहना था कि तमाम श्रवण समाज के लोग एससी एस टी एक्ट का दुरुपयोग कराने में अपना योगदान देते हैं. और वही लोग चिल्लाते हैं कि एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है. आयोग ने यूपी को तीन हिस्सों में बांटा है. जनता के द्वार जाकर उनकी समस्या सुनी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि वो अनुरोध करते हैं कि एक्ट का कोई दुरुपयोग ना करें. अगर कोई दुरुपयोग करवाना भी चाहे तो उससे बचना चाहिए. किसी के लालच में नहीं फंसना चाहिए.
यूपी में लिंगानुपात 1015 पहुंचा
उत्तर प्रदेश एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष डॉ राम बाबू ने कहा कि 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक सरकार ने प्रदेश में 51 हजार गरीब बेटियों की शादी कराई है. अब लोग बेटियों को बोझ नहीं समझते यही कारण है कि प्रदेश में 1 हजार लड़कों पर 1015 लड़कियों का अनुपात आ चुका है. आर्थिक सहायता भी दी गई है. अध्यक्ष ने जो आंकड़े मीडिया के सामने रखे, उसमें मायावती सरकार की 6 साल, सपा सरकार के 5 साल और भाजपा सरकार के 3 साल के आंकड़े हैं. उन्होंने कहा कि मायावती सरकार में दलितों पर हर साल 10 से 17 करोड़ आर्थिक सहायता मिली थी. वहीं, सपा सरकार में 21 से 151 करोड़ मिले. अब भाजपा शासन में दलितों को 192 से 229 करोड़ रुपये आर्थिक सहायता दलितों को दी गई.