
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह का बयान इन दिनों चर्चाओं में है। उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा, “अब हुजूर के नहीं, मजदूर के बेटे पढ़-लिखकर हुजूर बनेंगे।” उनका यह बयान सामाजिक समानता और शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों को दर्शाता है, जिसे योगी सरकार की नीतियों से जोड़कर देखा जा रहा है।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गरीब, मजदूर, किसान और वंचित वर्गों के बच्चों को अब शिक्षा और नौकरियों में वो अवसर मिल रहे हैं जो पहले केवल प्रभावशाली परिवारों को ही मिलते थे। उन्होंने इसे “नई उत्तर प्रदेश की तस्वीर” बताया।
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उन्होंने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार हर वर्ग के उत्थान के लिए योजनाएं चला रही है, और अब मेहनत करने वाला हर बच्चा अफसर बन सकता है, चाहे वह किसी भी वर्ग से क्यों न आता हो।
यह बयान ऐसे समय आया है जब यूपी में शिक्षा और रोजगार को लेकर युवाओं की उम्मीदें बढ़ी हैं। धर्मपाल सिंह का यह संदेश गरीब तबके के लिए प्रेरणादायक माना जा रहा है और यह बताने की कोशिश है कि अब प्रतिभा और मेहनत ही असली पहचान बनेगी।