उत्तर प्रदेश में अब 26.36 लाख ट्रांसफॉर्मर, 2017 तक थी केवल 12 लाख की क्षमता : ऊर्जा मंत्री उत्तर प्रदेश में कुल 3.30 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं के कनेक्शन हैं. जिसमें से 1.58 करोड़ 2017 के बाद भाजपा सरकार में दिए गए हैं. इसके अलावा अब 26.36 लाख ट्रांसफॉर्मरों के जरिए विद्युत सप्लाई सुनिश्चित की जा रही है. Read more at: https://www.etvbharat.com/hindi/uttar-pradesh/state/lucknow/power-corporation-news-transformers-in-uttar-pradesh-energy-minister-ak-sharma-up-assembly-proceedings/up20230816102650568568890
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि आज की तारीख में उत्तर प्रदेश में कुल 3.30 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं के कनेक्शन हैं. जिसमें से 1.58 करोड़ 2017 के बाद भाजपा सरकार में दिए गए हैं. प्रदेश की भाजपा सरकार के साढ़े छह साल के शासन में जितने कनेक्शन दिए गए हैं वो पिछले 70 वर्ष में सभी सरकारों की तरफ से दिए गए कनेक्शन से ज्यादा हैं.
वर्ष 2022-23 में अकेले 17 लाख कनेक्शन दिए गए हैं. वित्तीय वर्ष 2023 के पहले चार महीने अप्रैल, मई, जून, जुलाई में ही 4.44 लाख कनेक्शन दिए गए हैं. जनवरी 2023 में उत्तर प्रदेश में 1.22 लाख कनेक्शन दिए गए. उर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि पहले पक्षपातपूर्ण कार्य होता था. अब सारी व्यवस्था ऑनलाइन हो चुकी है और पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य किया जा रहा है.
ट्रांसफार्मर के जलने और खराब होने के मुद्दे पर कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में सिर्फ 12 लाख ट्रांसफार्मर थे. जिसमें से 2.50 लाख से ऊपर यानी कि 20 प्रतिशत खराब रहते थे. अब हमारे पास 26.36 लाख ट्रांसफार्मर हैं और 2022-23 में खराबी का प्रतिशत मात्र 10 प्रतिशत है. उसमें भी पिछले साल की अपेक्षा ट्रांसफार्मर की बेहतर रख-रखाव के कारण जलने-खराब होने की दर में भारी कमी आई है.
बता दें, इस बार विधानसभा सत्र की कार्यवाही में विपक्षी दलों के नेताओं ने बिजली विभाग से संबंधित कई सवाल किए जिनका ऊर्जा मंत्री ने भरपूर जवाब दिया. यह भी बताया कि पिछले छह साल में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए क्या-क्या किया है और भविष्य की योजनाएं क्या-क्या हैं. इस दौरान ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया और कहा कि छह साल में ऊर्जा क्षेत्र में जितना विकास हुआ है उतना किसी भी सरकार में कभी नहीं हुआ. अब उपभोक्ताओं की डिमांड के मुताबिक उन्हें बिजली उपलब्ध कराई जा रही है. जहां एक तरफ डिमांड ने इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए तो सप्लाई के मामले में भी ऊर्जा विभाग बेहतर साबित हुआ है.