प्रतियोगी परीक्षा के लिए अब विश्वविद्यालय भी बनेंगे केन्द्र, पेपर लीक को रोकने की कोशिश
Highlight
– राजकीय, एडेड कॉलेज का नाम शामिल, निजी कॉलेज हुए बाहर
– सरकार के निर्देश पर राजधानी में केन्द्रों के निर्धारण का बदला गया नियम
यह निर्णय पेपर लीक कांड रोकने के लिए लिया गया है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव शासन के आदेश के बाद जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने भी आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही केन्द्र निर्धारण के लिए 10 मानकों को भी जारी किया है। ये मानक यदि नहीं पूरे होंगे तो भी कॉलेज परीक्षा केन्द्र नहीं बनाए जा सकेंगे। केन्द्र बनाए जाने के लिए दो श्रेणियां निर्धारित की गई हैं।
ए श्रेणी में ये बनेंगे केन्द्र
मुख्य मार्ग पर स्थित राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं को शामिल किया गया है। ए श्रेणी में समुचित आवश्यक सुविधाओं वाले राजकीय माध्यमिक विद्यालय, राजकीय डिग्री कालेज (राज्य) व केन्द्रीय विश्वविद्यालय सहित पाॅलीटेक्निक, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज और राजकीय मेडिकल कालेज को भी शामिल किया गया है।
बी श्रेणी में ये बनेंगे केन्द्र
बी श्रेणी में वे सुविधा सम्पन्न वित्त पोषित शैक्षणिक संस्थाएं ही शामिल हो सकेंगी, जो पूर्व में संदिग्ध, विवादित या काली सूची में न रही हों। इसके अलावा परीक्षा केंद्र निर्धारित होते ही कॉलेज में सुविधाओं की भौतिक सत्यापन रिपोर्ट भी डीआईओएस को देनी होगी।
30 तक संस्थानों की मांगी गई सूची
जो संस्थान परीक्षा बनने के लायक हैं, उनकी सूची भी जिलाधिकारी ने मांगी है। 30 जून तक सूची उपलब्ध करानी होगी। बता दें कि लगातार पेपर लीक कांड होने के बाद ये निर्णय लिया गया है।
ये नए मानक निर्धारित
-परीक्षा केन्द्र श्रेणी ए और बी के अनुसार हो।
-बस व रेलवे स्टेशन से 10 किलोमीटर की परिधि में हो।
– कुल परीक्षार्थियों की क्षमता के आधार पर हो।
– कक्ष निरीक्षण व संस्थान्तर्गत अध्यापकों की संख्या के आधार पर।
– कार्मिकों की संख्या के आधार पर।
– 3 वर्षों में आयोजित कराई गयीं परीक्षाओं के अनुभव के आधार पर।
– परीक्षा केन्द्र शहर की आबादी के अन्दर हो।
– परीक्षा केन्द्र तक जाने के लिए यातायात साधन हो।
– मूलभूत सुविधाओं के साथ बिजली, पंखा, जनरेटर की व्यवस्था हो।
– सीसीटीवी की व्यवस्था हो।