ओम प्रकाश राजभर बोले- अखिलेश यादव ने तलाक दे दिया तो हमने में भी कुबूल कर लिया
वाराणसी: सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर शनिवार को जिले के सर्किट हाउस पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव के लिए संगठन लगा हुआ है. हम लोग लगातार संगठन की समीक्षा और कार्यकर्ताओं को निर्देश देने का काम कर रहे हैं. इसके साथ-साथ बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर हम लोग काम कर रहे है. बिहार में 10 अक्टूबर को गांधी मैदान पटना में एक बड़ा कार्यकर्ता सम्मेलन होगा. जहां बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की प्रबल संभावना है. सभी साथी मिलकर NDA का 2024 में जो लक्ष्य है. उसी हिसाब से काम कर रहे हैं.
वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए दलित वोट बैंक कितना कारगर साबित होने के सवाल के जवाब में ओपी राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव प्रयास कर रहे है लेकिन जब तक मायावती जी, बीएसपी है. तब तक बड़ा मुश्किल काम है. जैसे उदाहरण ले लीजिए जोअखिलेश के मूल वोट बैंक है क्या वहां जाकर खाना खा ले. तो मायावती को वो व्यक्ति वोट दे देगा. दलित यह जानता है कि ‘गले में माला और विचारों पर ताला’. दलित लंबे समय से राजनीति में अहम भूमिका अदा करते आया है. लोग समझदार है और सझदारी से काम लेते है.
वहीं, अखिलेश यादव व चाचा शिवपाल यादव के एक साथ होने से 2024 के लोकसभा चुनाव में कितनी कामयाबी मिलेगी. इस सवाल पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि जब देश का चुनाव होता है, तो देश की जनता देश के हित के लिए वोट देती है. वहीं, प्रदेश का जो चुनाव होता है. वह प्रदेश के मुद्दों पर चुनाव होता है. बीजेपी ने 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए लागू किया है. जब देश में कांग्रेस गठबंधन की सरकार थी तो उन्होंने क्यों नहीं किया. वो अगर करते तो उन्हें श्रेय मिलता. बीजेपी की सरकार में भ्रष्टाचार पर बड़े पैमाने पर लगाम लगी है. गरीबों के विकास की जो योजनाएं है. वह उन तक पहुंच रही है. वहीं, देश में मोदी का विकल्प अभी कोई तैयार ही नहीं हुआ है.
वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों को लेकर ओपी राजभर ने कहा, “देखिए स्वामी प्रसाद मौर्य को वहां भेजा गया है. जब तक समाजवादी पार्टी रसातल में न चली जाए तब तक डटे रहो. उनके हर बयान पर समाजवादी पार्टी की किरकिरी हो रही है. उन्ही के पार्टी के लोग उनके खिलाफ खड़े हो जा रहे है. देखिये अखिलेश यादव यह अच्छी तरह से जान रहे है कि पूरे उत्तर प्रदेश में सामाजवादी पार्टी को अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ना है. वह जान रहे है कि कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है, ममता जी वोट दिला नहीं सकती, लालू जीऔर केसीआर आकर वोट दिला नहीं सकते.
तो उन्हें अकेले ही चुनाव लड़ना है और अकेले लड़ के देख चुके है. अगर हम(सुभासपा) नहीं गए होते तो 47 सीट से कहां होती. यह वहीं जानते है. हम उनके साथ हुए, ललकारे थोड़ा तो 125 सीट पर सब लोग पहुंच गए. हम अब हट गए है तो वो छटपटा रहे है, अब कौन साथी है. हम राय दिए समझाएं तो नहीं माने, जब नहीं माने तो उन्होंने तलाक दे दिया. तो हमने कह दिया कि चलो तलाक तुम्हारा कबूल है. वहीं, मंत्री कब बन रहे के सवाल के जवाब में ओपी राजभर ने कहा कि दिल थाम के बैठिए, आपकी भावना की कद्र की जाएगी. अभी मुझे कोई सूचना नहीं है. सूचना मिलेगी तो आप लोगों को बताया जाएगा.