वेतन कटौती को लेकर किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

लखनऊ : केजीएमयू में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने वेतन में कटौती होने के कारण बुधवार को प्रदर्शन किया. आउटसोर्सिंग कर्मचारी बायोमीट्रिक अटेंडेंस के हिसाब से मिली सैलरी की वजह से केजीएमयू प्रशासन से नाराज हैं. कर्मचारियों के प्रदर्शन के कारण ओपीडी सेवाएं घंटों बाधित रहीं. काउंटर्स को छोड़कर आउटसोर्सिंग कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल हो गए. इसके चलते ज्यादातर ओपीडी संचालित नहीं हो सकीं.
कर्मचारियों की इन मांगों पर सहमति
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- आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश, राजपत्रित अवकाश मिलेंगे. इस दौरान वेतन में कटौती नहीं होगी. बोनस भी दिया जाएगा.
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- 28 दिन की डयूटी पर 32 दिन तक ही ओवर टाइमिंग का वेतन प्राप्त होगा. उससे अधिक के लिए एजेंसी के द्वारा रिलीवर लगाया जाएगा.
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- ईपीएफ/ईएसआईसी में अनियमितता की जांच होगी.
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- चिकित्सा विश्वविद्यालय के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन में प्रति वर्ष पांच फीसदी की बढ़ोतरी होगी.
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- ईएसआईसी के इलाज के लिए चिकित्सा विश्वविद्यालय में डिस्पेंसरी खोले जाने की बात सामने आई है.
बता दें, मेडिकल कॉलेज में परमानेंट स्टाफ से अधिक आउटसोर्सिंग स्टाफ तैनात है. प्रदर्शन में शामिल होने के चलते करीब पांच हजार कर्मचारियों ने कामकाज ठप करने का फैसला लिया है. इसके पीछे का कारण केजीएमयू में काम करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को इस महीने में पूरा वेतन न मिलना है. कर्मचारियों का कहना है कि उनको जो भुगतान दिया गया है, उसमें बड़ी कटौती की गई है. यह कटौती बायोमीट्रिक अटेंडेंस के हिसाब से होने के कारण बताई जा रही है. कर्मचारियों को एक महीने में मिलने वाली चार छुट्टियां का वेतन भी काट लिया गया है.