
लखनऊ। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा आयोजित संभागीय शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता आज संगीत नाटक अकादमी के बाल्मीकि रंगशाला मे संपन्न हुई, जिसमे गायन, वादन नृत्य के प्रतिभागियो का चयन उनकी प्रस्तुति के आधार पर किया गया।
निर्णायक मंडल मे मेरठ के राजा बलूनी और रूचि बलूनी का साथ दिया लखनऊ के तबला गुरु रविवार मिश्र ने। रेनू श्रीवास्तव के संयोजन और राजेन्द्र विश्वकर्मा के मंच संचालन मे आयोजित संभागीय प्रतियोगिता मे बाल,.किशोर, युवा वर्ग मे बच्चे अपनी विधा की तैयारी के साथ मंच पर आये।
अधिकांश लोग अपने गुरु के साथ ही मंच पर प्रस्तुत हुए। अपने प्रदर्शन के आधार पर प्रतियोगिता का परिणाम निम्न प्रकार से रहा। कथक मे बाल वर्ग मे अंशिका त्यागी (प्रथम), करुणा सागर (द्वितीय), किशोर वर्ग मे वल्लरी नारायण पाठक (प्रथम), रूनझुन सिंह (द्वितीय),. अंकिता मिश्रा (तृतीय), युवा वर्ग मे कटारिया (प्रथम) ईशा रतन (द्वितीय), आकांक्षा पाण्डेय (तृतीय), बाल वर्ग गायन दिव्यांशी मिश्रा (प्रथम) किशोर वर्ग, गायन स्पर्श कुमार कश्यप (तृतीय) युवा वर्गगायन ठुमरी / दादरा लोकेश पांडे (प्रथम), तंत्र वाद्य बाल वर्ग सम्यक श्रीवास्तव (प्रथम), तंत्र वाद्य युवा वर्ग सरोद/सितार मनोज कुमार (प्रथम), सुशिर बाल वर्ग अथर्व प्रताप सिंह (प्रथम), बाँसुरी तबला बाल वर्ग आध्यात्म पाँडे (प्रथम), तबला युवा वर्ग आकाक्षा राय (द्वितीय), पखावज युवा वर्ग प्रवीण कुमार (प्रथम) रहे। संगीत नाटक अकादमी की इस प्रकार की संभागीय शास्त्रीय संगीत गायन वादन नृत्य की प्रतियोगिता मे सुधार की आवश्यकता है, ऐसा आये हुए प्रतिभागियो के गुरु और अभिभावको ने कहा।
कई बार अच्छे बच्चो को नकार कर निर्णायक मंडल अपने परिचित या पसंद के अनुसार निर्णय करते है, जिससे बच्चो का मनोबल भी कम होता है। साथ ही उत्तर प्रदेश के कलाकारो की कला को उचित विस्तार और स्थान नही मिलता है।