पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन्स कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलें कम करने का एक छोटा सा प्रयास : प्रधानमंत्री
- अपने संसदीय क्षेत्र के प्रभावित बच्चों से पीएम वर्चुअल रूबरू हुए
- केन्द्रीय मंत्री महेन्द्र पांडेय ने बच्चों को भेंट किया गिफ्ट हैम्पर
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को वैश्विक महामारी कोरोना के चलते अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों का हाल जाना। प्रधानमंत्री ने वर्चुअल तौर पर बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आज मैं प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, आपके परिवार के एक सदस्य के तौर पर आपसे बात कर रहा हूं। आज आप सभी बच्चों के बीच आकर मुझे बहुत सुकून मिला है। जीवन हमें कई बार अप्रत्याशित मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है। ऐसी परिस्थितियां जिनकी हमने कल्पना भी नहीं की होती हैं, हंसते-खेलते अचानक अंधेरा छा जाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना ने अनेकों लोगों के जीवन में, अनेकों परिवार के साथ ऐसा ही कुछ किया है। मैं जानता हूं, कोरोना की वजह से जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके जीवन में आया ये बदलाव कितना कठिन है।
बातचीत के पहले प्रधानमंत्री ने इन बच्चों को सशक्त बनाने के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के माध्यम से फंड ट्रांसफर की। इस योजना के तहत ऐसे बच्चों के बैंक खातों में पीएम केयर्स फंड से छात्रवृत्ति भेजी गई। प्रधानमंत्री के इस प्रयास से उनके संसदीय क्षेत्र के आठ बच्चे भी लाभान्वित हुए। कमिश्नरी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय व जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने पांडेयपुर निवासिनी शिवानी को पीएम केयर फॉर चिल्ड्रेन योजना का किट दिया।
कुशीनगर की निवासी शिवानी बीकॉम की छात्रा है। उसके पिता की मृत्य एक सड़क हादसे में 10 वर्ष पूर्व हो गयी थी। कोरोना की लहर में मां का भी निधन हो गया। शिवानी तीन बहनें हैं। कोरोना से प्रभावित आठों बच्चों का डाकघर में खाता खुलवाने के साथ प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 05 लाख रुपये तक की निःशुल्क इलाज के लिए हेल्थ कार्ड प्रदान किया गया है। पात्रता के अनुसार एक बच्चे का केंद्रीय विद्यालय में दाखिला करा दिया गया है। साथ ही सभी बच्चों का राशन कार्ड भी बनवाया जा चुका है। प्रधानमंत्री ने बच्चों से आह्वान किया कि वह एक संकल्प के साथ आगे बढ़ें और उस संकल्प को पूरा करने के लिए सतत प्रयास भी करते रहें।
बताते चलें कि ऐसे बच्चों को प्रॉफेशनल कोर्स, हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन दिलाने में भी पीएम केयर्स मदद करेगा। रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए 4 हजार रुपये हर महीने की व्यवस्था भी की गई है। 18 से 23 साल का होने पर उन्हें हर महीने स्टाइपेंड मिलेगा और 23 साल के होने तक 10 लाख रुपये एक साथ मिलेंगे। सरकार ने यह योजना पिछले साल 29 मई को लॉन्च की थी।
इसके तहत 11 मार्च, 2020 से 28 फरवरी, 2022 के बीच कोरोना महामारी के चलते अपने माता-पिता, कानूनी अभिभावक, दत्तक माता-पिता या माता या पिता में से किसी एक को खोने वाले बच्चों की मदद की जाती है। इसके तहत प्रत्येक बच्चे को 20 हजार रुपये की स्कालरशिप दी जाती है। इसके अलावा बच्चों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पीएम केयर्स फार चिल्ड्रेन पासबुक और हेल्थ कार्ड भी प्रदान किया जाएगा।