कानपुर के ‘फ्लेदर’ और वाराणसी की गुलाबी मीनाकरी के कायल हुए प्रधानमंत्री मोदी
- ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 3.0 में लगी प्रदर्शनी का मोदी ने लिया जायजा
- वाराणसी के शिल्पकार ने पीएम को गुलाबी मीनाकरी से बने ‘कमल के फूल’ को किया गिफ्ट
लखनऊ। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 3.0 में लगी प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न स्टॉल्स का जायजा लिया। इस दौरान कई स्टाल्स पर रुककर उन्होंने प्रोडक्ट की खूबियों के बारे में भी जानकारी हासिल की। प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी की गुलाबी मीनाकरी और कानपुर के इंक्यूबेशन सेंटर में इंक्यूबेटेड स्टार्टअप कंपनी ‘फ्लेदर’ नाम के स्टॉल पर जाकर बातचीत भी की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से फ्लेदर से बनी चप्पलों का इस्तेमाल वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में किए जाने के लिए कहा।
‘फ्लेदर’ के आयुष अग्निहोत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्टॉल पर रुककर पूरी प्रक्रिया को जाना और इस स्टार्ट अप की तारीफ भी की। उन्होंने बताया इंटरनेशनल मार्केट में फूलों से बने फ्लेदर के प्रोडक्ट की डिमांड बहुत है। ऐसे में इन लोगों ने मंदिरों में चढ़ाए गए फूलों को इकट्ठा कर उनकी प्रोसेसिंग करके अगरबत्ती, धूपबत्ती बनानी शुरु की। यही नहीं इसके बाद इन लोगों ने फूलों से बना लेदर यानि फ्लेदर बनाया। इससे कचरा भी बहुत कम होता है और प्रदूषण भी नहीं होता। फ्लेदर से इनकी कंपनी बैग, पर्स, जैकेट, जूते और बेल्ट तैयार करती है।
आयुष ने बताया कि हम लोग पहले सिर्फ कानपुर के मंदिरों से फूल उठाते थे, लेकिन अब वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट से भी टाइअप हो गया है। अभी कानपुर, वाराणसी में दो यूनिट संचालित हो रही है। यही नहीं लगभग 25 लोगों की टीम इस प्रोजेक्ट के साथ काम कर रही है। इस दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्लेदर से बुलेट प्रूफ जैकेट बने इसकी संभावनाएं खोजने की बात कही। कंपनी की स्थापना 2017 में अंकित अग्रवाल ने की थी।
वहीं वाराणसी के गुलाबी मीनाकरी के स्टॉल पर भी रुककर प्रधानमंत्री मोदी ने शिल्पकार कुंज बिहारी सिंह से बातचीत की। इस दौरान शिल्पकार ने पीएम मोदी को चांदी पर गुलाबी मीनाकरी से बने कमल के फूल भी भेंट किया। शिल्पकार ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने टर्नओवर के साथ साथ इस कार्य में और लोगों को जोड़ने की भी बात कही। प्रधानमंत्री मोदी ने साइंस और आर्ट से बनी मैजिक बर्ड को भी उंगली से उठाकर देखा।