
संतकबीरनगर। जनपद की सबसे बड़ी और आलीशान जामा मस्जिद सेमरियावां में पवित्र रमज़ान महीने की 27 वीं की रात एक विशेष दीनी प्रोग्राम का आयोजन किया गया ।इस रात की उलमाये कराम ने बहुत सी बहुत विशेषताएं और महत्व बताया है।शबे कद्र की एक रात को एक हजार महीने से बेहतर बताया जाता है। इस मौके पर मौलाना अबुल कलाम कासमी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा की अल्लाह एक है।उसी की इबादत करो।उनकी बताई हुई बातों हुक्म आदेश का पालन करो।असल जिंदगी मरने के बाद शुरू होगी।कामयाब इंसान वह है जो नरक से बचा लिया जाए। जन्नत में दाखिल कर दिया जाए।
दुनिया के सभी मनुष्य नरक से बचके कैसे स्वर्ग में चले जाएं।इस के लिए सबको मिलके कोशिश करनी चाहिए। सद मार्ग,न्याय मार्ग,पर चलकर ही सफलता मिलेगी।मौलाना कासमी ने कहा कि यह आज की 27 वीं रात बहुत कीमती है। एक हजार महीने से बेहतर है। रमजान का महीना इसलिए साल में एक बार आता है की इसी तरह ईमानदारी पूर्वक,नियम पूर्वक,अनुशासित होकर एक दूसरे की भलाई करते हुए ग्यारह महीने अल्लाह की याद के साथ गुजरा जाए। माहे रमजान का कीमती महीना एक ट्रेनिंग/प्रशिक्षण के समान है।इसी तरह संयमित जीवन गुजारें। माहे रमजान के शबे कद्र का एक मिनट 58 दिन के बराबर है। एक मिनट की इबादत 58 दिन की इबादत के बराबर है।
इस माहे रमजान का यह संदेश है की रब ईश्वर से ताल्लुक जोड़ें रखें,ईश वन्दना से कभी गाफिल न रहें। रब से माहे रमजान की की ही तरह बारह महीने जुड़ाव बना रहे। प्रोग्राम के अंत में मौलाना मो मुस्तकीम बस्तवी ने सामूहिक रूप से ईश्वर से मगफिरत माफी की दुआ मांगी।इसी के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।इस प्रोग्राम दूर दराज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस अवसर पर हमीदुद्देन चौधरी,हाफिज एजाज मुनीर नौशाद अहमद,जफीर अली करखी,हाफिज ज्याउद्दीन,हाजी समीउल्लाह , नसीम अहमद,नफीस अहमद,मुफ्ती अब्दुल लतीफ, मौलाना सुहेल अहमद,हाफिज सुलेमान अकबाल अहमद,हाफिज नसीरुद्दीन,अब्दुस्सलाम सिद्दीकी,जलाल अहमद,आदि मौजूद रहे।