प्रोफेसर ने RSS से जोड़ा सोनम रघुवंशी का कनेक्शन, तो भड़के उच्च शिक्षा मंत्री, कहा- देश का विरोध अभिव्यक्ति की आजादी नहीं

लखनऊ: उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की अभिव्यक्ति की आजादी पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा है कि सिद्धांत का विरोध की जगह देश का विरोध करेंगे तो नहीं चलेगा। विश्वविद्यालय को इससे पर कठोर कार्रवाई करना चाहिए। उच्च शिक्षा मंत्री के बयान के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। गत दिनों सोशल मीडिया पर अपने विवादित पोस्ट के माध्यम से चर्चा में आए शिक्षकों पर कार्रवाई करने को लेकर नरम रुख अपनाने का विश्वविद्यालय पर आरोप लगता रहा है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट कहा है कि सिर्फ एफआईआर से काम नहीं चलेगा विश्वविद्यालय को कठोर कार्रवाई करना होगा। एक साक्षात्कार में उच्च शिक्षा मंत्री ने ढुलमुल रवैया अपनाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि देश विरोधी मानसिकता के बड़बोले शिक्षकों पर सिर्फ एफआईआर से काम नहीं चलेगा। कुलपति इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी करें। उल्लेखनीय है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके सोनम रघुवंशी और मुस्कान जैसी महिलाओं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सोच की उपज बताया था।
विद्यार्थी परिषद कर रहा है विरोध
एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत ने कहा कि वह आंबेडकरवादी हैं और अपनी विचारधारा पर अडिग हैं। वह महिलाओं का त्रिशूल और तलवार पकड़ाने की जगह कलम पकड़ाने के हिमायती हैं। तो वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्र रविकांत का लगातार विरोध कर रहे हैं और एफआईआई से लेकर विश्वविद्यालय की ओर से कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
राष्ट्रद्रोह की अभिव्यक्ति मंजूर नहीं
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमें संविधान से मिली है। लेकिन उसपर उचित प्रतिबंध भी आरोपित हैं। इसका प्रयोग राष्ट्रविरोधी अथवा मानहानि के लिए नहीं किया जा सकता या राष्ट्र विरोधी तत्वों का समर्थन किया जाए। अगर कोई राष्ट्रद्रोह की इस श्रेणी में आता है तो निश्चित रूप से उसे पर कार्रवाई होगी।
पहले आरएसएस को समझें शिक्षक
जो शिक्षक संघ को नहीं जानते वही उल्टे सीधे बयान देते हैं। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि पहले वह आरएसएस को करीब से समझने का प्रयास करें। किस प्रकार संघ ने राष्ट्र के उत्थान के लिए लाखों स्वयंसेवकों को निस्वार्थ भाव से साधना के लिए प्रेरित किया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारतीय संस्कृति और राष्ट्र से जुड़ा हुआ है। नारी सशक्तीकरण के लिए काम करने वाला संगठन है।
इस मामले में जो भी नियमानुसार होगा वह उचित विधिक कार्रवाई की जाएगी। इसपर विश्वविद्यालय प्रशासन सम्पूर्णता में विचार करेगा। तदुपरांत जो उचित विधिक कार्रवाई होगी अवश्य की जाएगी।
प्रो. आलोक कुमार राय, कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय