रज्जू भइया ने पद और प्रतिष्ठा से ऊपर राष्ट्र को प्राथमिकता दी : योगेन्द्र उपाध्याय
- लखनऊ विवि में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चतुर्थ सरसंघ चालक के जन्मशताब्दी पर आयोजित व्याख्यानमाला में पहुंचे उच्च शिक्षामंत्री
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चतुर्थ सरसंघ संचालक प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह (रज्जू भइया) एक असाधारण मेधावी व्यक्तित्व के धनी थे। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि रज्जु भइया के आदर्श युवा पीढ़ी को प्रखर बनाते हैं। कुछ लोग इतिहास पढ़ते हैं और कुछ लोग उस इतिहास में बताई गई बातों पर चलते हैं लेकिन कुछ लोगों के व्यक्तित्व ही इतिहास बन जाता है। ऐसे लोगों में रज्जू भइया थे, जिनका व्यक्तित्व ही इतिहास बन गया। यह बातें उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कही।
लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित चाणक्य सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चतुर्थ सरसंघ संचालक प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह (रज्जू भइया) की जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित स्मृति व्याख्यान माला में उच्च शिक्षा मंत्री बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आदर्श की बात हर कोई कर सकता है लेकिन आदर्श पर चलना और लोगों को भी प्रेरित करने का कार्य रज्जू भइया के द्वारा किया गया। रज्जू भइया के जीवन चरित्र से सीख करके जीवन कौशल की उपादेयता जान सकते हैं। रज्जू भइया आदर्श के प्रतिबिम्ब थे। उन्होंने पद और प्रतिष्ठा से ऊपर राष्ट्र को प्राथमिकता दी थी। उन्होंने कहा कि रज्जू भइया ने कहा था कि शिक्षा संस्कार विहीन नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा को रोजगार, संस्कार और तकनीकी से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह (रज्जू भइया) अपने छात्र जीवन में शिक्षा के प्रति सदैव गंभीर रहे, जिसका परिणाम ही है कि वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमएससी एवं पीएचडी की पढ़ाई सफलतापूर्वक की। यही नहीं रज्जू भैया इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर तथा भौतिक विभाग के प्रमुख के रूप में सफलतम सेवा दी। वह परमाणु भौतिकी के विशेषज्ञ भी थे, सरल और स्पष्ट अवधारणाओं का उपयोग करते हुए इस विषय के एक लोकप्रिय शिक्षक थे।
इस अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि राज्यमंत्री उच्च शिक्षा रजनी तिवारी ने कहा कि रज्जू भैया एक सच्चे राष्ट्र भक्त थे। उनका संपूर्ण जीवन देश की समर्पित रहा। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ नरेन्द्र सिंह गौर, विशेष वक्ता वीरेश्वर द्विवेदी तथा कार्यक्रम का अध्यक्षता प्रो. अलोक राय कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा की गयी।