
बहराइचl रमजान का महीना नेकी और बरकतों का महीना हैlयह वह महीना है जिसमें पवित्र कुरान जैसी पवित्र किताब अवतरित हुई जो इंसानों के लिए मार्गदर्शन हैlयह सब्र का महीना है और सब्र का इनाम जन्नत हैl इस महीने में मोमिन की रोजी बढ़ा जाती हैlये विचार मदरसा सुल्तान उलूम मीरपुर कस्बा और मदरसा आमिना लिल्बनात मोहल्ला सालारगंज के संस्थापक एवं प्रबंधक मौलाना सिराज मदनी ने व्यक्त किएl रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना हैlइस पूरे महीने में मुसलमानों के लिए रोजा रखना अनिवार्य हैlशब ए-कद्र भी इसी महीने में है, पवित्र कुरान के अनुसार, इस रात की इबादत हजार इबादत से बेहतर है। इस महीने की मुख्य इबादत में रोजा़ रखना , पवित्र कुरान का पाठ करना, तरावीह की नमाज़ पढ़ना, पिछले दस दिनों की विषम रातों में जागना और इबादत करना, क्षमा माँगना, मोमिनों का रोज़ा खोलवाना और ज़रूरतमंदों की मदद करना शामिल है।
रमजान के गुण और महानता और आशीर्वाद पर अध्याय में, पैगंबर हजरत मुहम्मद (स अ) ने कहा, “जब रमजान का महीना आता है, तो जन्नत के द्वार खोल दिए जाते हैं और नर्क के द्वार बंद कर दिए जाते हैं और शैतानों को क़ैद कर दिया जाता है। मौलाना सिराज मदनी ने कहा कि रमजान के रोजे़ के विशेष सम्मान और पुण्य का अनुमान हजरत मुहम्मद ( (स अ)की हदीस से लगाया जा सकता है कि हजरत मुहम्मद (सअ) ने कहा: “जो शख्स ईमान की हालत में सवाब की नियत से रमज़ान के रोज़े रखता है उसके पिछले पाप क्षमा कर दिए जाते हैंl इस के अलावा हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि “जब माह ए रमज़ान की पहली रात होती है तो शैतानों और बागी जिन्नातों को जंजीरों में जकड़ दिया जाता है और जहन्नुम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और उनमें से कोई भी नहीं खोला जाता है और जन्नत के दरवाज़े खुल जाते हैंl