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यूपी में महज 1 सीट पर सिमट कर रह गई 1.18 करोड़ वोट पाने वाली BSP, पंजाब में 25 साल बाद खोला खाता

5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं और 4 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सरकार बचाने में कामयाबी हासिल की है, जबकि कांग्रेस का प्रदर्शन इन राज्यों में शर्मनाक रहा है. पंजाब ऐसा राज्य है जहां सत्ता परिवर्तन हुआ है और वहां पर सत्तारुढ़ कांग्रेस को शिकस्त मिली है तथा आम आदमी पार्टी पहली बार किसी राज्य में सरकार बनाने जा रही है. वह देश की पहली ऐसी राज्यस्तरीय पार्टी बन गई है जिसकी दो जगहों पर सरकार होगी. लेकिन इसके इतर एक राष्ट्रीय पार्टी ऐसी भी जिसे यूपी में 1 करोड़ से ज्यादा वोट मिले लेकिन उसके खाते में महज 1 सीट ही आ सकी.

बात हम मायावती की अगुवाई वाली पार्टी बहुजन समाज पार्टी की कर रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी ने 3 राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में जीत का स्वाद चखा है. बसपा के लिए कभी उत्तर प्रदेश गढ़ माना जाता था क्योंकि पार्टी की मुखिया मायावती यहां से 4 बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और 2007 के चुनाव में तो उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत भी मिला था. हालांकि इसके बाद पार्टी का प्रदर्शन लगातार गिरता जा रहा है और इस बार वह महज 1 सीट पर सिमट गई. जबकि 5 साल पहले उसके खाते में 19 सीट गई थी. हालांकि उसे उत्तराखंड और पंजाब से राहत मिली है क्योंकि पंजाब में 25 साल बाद तो उत्तराखंड में 10 साल बाद पार्टी का खाता खुला है.

1.18 करोड़ वोट पाने वाली पार्टी को 1 सीट

चुनाव आयोग की ओर से जारी रिजल्ट के अनुसार, बसपा को इस साल हुए विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 12.9 फीसदी वोट यानी उसे कुल 1,18,73,137 (1.18 करोड़) वोट मिले, लेकिन महज एक सीट पर जीत के रूप में सामने आई. 2017 के चुनाव में बसपा को 22.23 फीसदी वोट यानी 19,281,340 (1.92 करोड़) मत मिले थे.

बसपा की उत्तर प्रदेश से अच्छी स्थिति उत्तराखंड में रही जहां उसे 70 सदस्यीय विधानसभा में 10 साल बाद 2 सीट हासिल हुई है. बसपा को यहां पर 2,59,371 वोट मिले. 2017 के चुनाव में बसपा को कुल 347,533 वोट (7.0%) मिले थे लेकिन तब वह कोई जीत हासिल नहीं कर सकी थी. ऐसे में 2012 में 3 सीट जीतने के बाद उसे अब इस पहाड़ी राज्य में 2 सीट मिली है.

जबकि बसपा पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी और उसे वहां पर 1 सीट हासिल हुई. उसे 2,75,232 (1.77 फीसदी) वोट मिले. अकाली दल से गठबंधन करने वाली बसपा ने 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और 1997 के बाद विधानसभा में अपनी पहली जीत हासिल की.

बीजेपी को मिले 3.80 करोड़ वोट और 255 सीटें

2017 के चुनाव में बसपा ने 11 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन 10 की जमानत ही जब्त हो गई थी. इससे 5 साल पहले 2012 के चुनाव में बसपा ने 109 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन कोई भी जमानत तक नहीं बचा सका था. ऐसे में यूपी में मिली निराशा से पंजाब में मिली यह जीत बसपा के लिए राहत भरी होगी.

जबकि उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार बहुमत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी को अकेले 255 सीटों पर जीत मिली है. बीजेपी गठबंधन को कुल 279 सीटें मिली हैं. अकेले भगवा पार्टी को 41.3 फीसदी यानी 3,80,51,721 (3.80 करोड़) मत मिले. 2017 के चुनाव में 312 सीट जीतने वाली भगवा पार्टी को 34,403,299 (39.67%) वोट हासिल हुए थे. बीजेपी के बाद समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर रही और 32.1 फीसदी वोट मिले. इसे नंबर में देखें तो यह 2,95,43,934 (2.95 करोड़) मत हासिल हुए, जबकि 111 सीट पर जीत दर्ज हुई. 2017 के चुनाव में उसे 18,923,769 (1.89 करोड़) वोट मिले थे.

कांग्रेस के खाते में आए 21.51 लाख मत

राज्य में बीजेपी और बसपा के अलावा एक और राष्ट्रीय पार्टी थी कांग्रेस. कांग्रेस का राज्य में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है क्योंकि वह महज 2 सीट ही जीत सकी है. जबकि उसे 21.51 लाख से थोड़ा ज्यादा वोट ही मिले. पिछली बार कांग्रेस को 7 सीट (54,16,540 वोट) मिली थी और वह भी इस बार बचा नहीं सकी और 2 पर सिमट गई. बीजेपी को छोड़कर अन्य दोनों राष्ट्रीय दलों के खाते में कुल मिलाकर 3 सीट ही गई जबकि 2017 में उनके पास 26 सीटें थीं.

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