RLD प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने टिकट बेचने का आरोप लगा पार्टी से दिया इस्तीफा, कहा- हमारे नेता BJP को छोड़ आपस में लड़ते रहे
उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव पूरे हो गए हैं. लेकिन चुनाव पूरा होने के बाद RLD को बड़ा झटका लगा है. आरएलडी प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने पार्टी छोड़ दी है. उन्होंने पार्टी के अंदर पॉलिटिक्स पर सवाल उठाए. इसके साथ ही उन्होंने RLD प्रमुख जयंत चौधरी पर सीटें बेचने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही मुस्लिमों, दलितों की उपेक्षा और टिकट बंटवारे में मनमानी के आरोप लगाए हैं.
पार्टी से इस्तीफा देने के बाद मसूद अहमद ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, “गठबंधन में लोग BJP के खिलाफ लड़ने के बजाय सीट बंटवारे को लेकर आपस में भिड़ गए. हमारे नेताओं की गलतियों के कारण हम जीत नहीं सके. हापुड़, बीकापुर समेत कई सीटों पर पैसा मांगा गया.”
दलित वोट गठबंधन से हटे
न्यूज-18 की रिपोर्ट के मुताबिक RLD प्रमुख जयंत चौधरी को दिए अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि वह चौधरी अजीत सिंह के आह्वान पर 2015-2016 में पार्टी में शामिल हुए थे और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के मूल्यों का पालन किया है, जिसमें जाट और मुस्लिम की एकता, किसानों, शोषित और वंचित वर्गों के लिए अधिकार थे. उन्होंने आगे लिखा कि वह एक समर्पित पार्टी कार्यकर्ता थे और 2016-2017 में उन्हें आरएलडी यूपी प्रमुख बनाया गया था. मसूद ने लिखा कि उनकी बार-बार चेतावनी के बाद भी भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को अपमानित किया गया और जिसके कारण दलित वोट बीजेपी के पक्ष में गठबंधन से हट गए और सपा-रालोद गठबंधन को नुकसान पहुंचा.
सुप्रीमो कल्चर से हुआ नुकसान
मसूद अहमद ने आगे आरोप लगाया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव और RLD प्रमुख जयंत चौधरी दोनों ने ‘सुप्रीमो कल्चर’ अपनाकर संगठन को नुकसान पहुंचाया, जिससे हाल के यूपी विधानसभा चुनावों में सपा और RLD नेताओं का कम इस्तेमाल हुआ. उन्होंने आगे कहा है कि पार्टी के समर्पित पासी और वर्मा नेताओं का भी इस्तेमाल नहीं किया गया, जिसके कारण ये वोट चुनाव में बिखर गए. उन्होंने आरोप लगाया कि जौनपुर सदर सीट पर फॉर्म भरने के आखिरी दिन तीन बार टिकट बदले गए, जिससे जनता में गलत संदेश गया. उन्होंने कहा कि हमने 200 से 10,000 मतों के अंतर से लगभग 50 सीटें गंवाई हैं.