साक्षी महाराज का बड़ा बयान, कहा- कानून बनाकर पूरे भारत में हिजाब पर बैन लगाना चाहिए
कर्नाटक का हिजाब विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. दक्षिण भारत से शुरू हुआ यह विवाद अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है. तो वहीं अब बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कानून बनाकर पूरे देश में हिजाब को बैन करने की मांग की है. विपक्ष पर उन्होंने आरोप लगाया कि हिजाब विवाद को वह यूपी में लेकर आया.
Opposition brought the Hijab issue into elections. This rule (for uniform) was formed in Karnataka, people did this (row) in reply. But I think, a law should be made to ban hijab across the country: BJP MP Sakshi Maharaj in Unnao pic.twitter.com/StWaBleiRh
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 23, 2022
बुधवार को मतदान करने के बाद साक्षी महाराज ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, “विपक्ष हिजाब के मुद्दे को चुनाव में लाया है. यह नियम कर्नाटक का था और इसे लेकर विरोध भी कर्नाटक में हुए. लेकिन मुझे लगता है, पूरे देश में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए.” इसके साथ साक्षी महाराज ने कहा, “BJP उन्नाव में बहुमत के साथ सभी 6 सीटें जीतेगी. मेरे द्वारा किए गए सभी प्रचारों के आधार पर, मैं कह सकता हूं कि सीएम योगी अपने ही 2017 के रिकॉर्ड को तोड़कर फिर से सरकार बनाएंगे. मुझे लगता है कि संख्या 350 तक जा सकती है.”
हाई कोर्ट में कर्नाटक सरकार ने क्या कहा
इससे पहले कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में कहा कि संस्थागत अनुशासन के तहत उचित प्रतिबंधों के साथ भारत में हिजाब पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. इसके साथ ही सरकार ने इस आरोप को खारिज कर दिया कि हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देना संविधान के अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है, जिसके तहत हर तरह के भेदभाव पर प्रतिबंध है.
शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली उडुपी जिले की याचिकाकर्ता मुस्लिम लड़कियों की दलीलों का प्रतिवाद करते हुए कर्नाटक के महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने कहा कि हिजाब पहनने का अधिकार अनुच्छेद 19 (1) (ए) की श्रेणी में आता है, न कि अनुच्छेद 25 के तहत, जैसा याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है. नवदगी ने कर्नाटक उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ से कहा, ‘‘हिजाब पहनने का अधिकार अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत आता है, न कि अनुच्छेद 25 के तहत. अगर किसी की इच्छा हिजाब पहनने की है, तो ‘संस्थागत अनुशासन के बीच’ कोई प्रतिबंध नहीं है. अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत दावा किया गया अधिकार अनुच्छेद 19 (2) से संबंधित हैं, जहां सरकार संस्थागत प्रतिबंध के अधीन उचित प्रतिबंध लगाती है.”
याचिकाकर्ताओं ने मुस्लिम लड़कियों के लिए मांगी छूट
अदालत की कार्यवाही शुरू होते ही याचिकाकर्ता लड़कियों की ओर से पेश एक वकील ने उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ से उन मुस्लिम लड़कियों को कुछ छूट देने का अनुरोध किया, जो हिजाब पहनकर स्कूलों और कॉलेजों में उपस्थित होना चाहती हैं. याचिकाकर्ताओं ने हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था. मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी ने कहा, ‘हम इस मामले को इसी सप्ताह खत्म करना चाहते हैं. इस सप्ताह के अंत तक इस मामले को खत्म करने के लिए सभी प्रयास करें.’
(इनपुट-भाषा)