
हाटा, कुशीनगर। ओबीसी सर्वे रिर्पोट सरकार को सौपे जाने के बाद एक बार फिर से निकाय चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। बृहस्पतिवार को यह खबर सार्वजनिक होने के बाद से नगरीय क्षेत्रों में संभावित उम्मीदवारों की सरगर्मी अचानक से बढ़ गई है। लोग उम्मीद कर रहे है कि अप्रैल माह में चुनाव हो सकते है। नगर निकाय चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पांच दिसम्बर आरक्षण जारी किया गया था। जिसके बाद राजनैतिक पारा आसमान चढ़ गया था। संभावित उम्मीदवारों ने बकायदा साउंउ और डीजे लगा कर कर अपना प्रचार भी शुरू कर दिए थे, लेकिन ओबीसी आरक्षण को लेकर मामाला कोर्ट में जाने से संभावित उम्मीदवारों ने अपनी गतविधियों पर विराम लगा दिया था।
सरकार ने कोर्ट के निर्देश पर ओबीसी सर्वे के लिए आयोग का गठन कर तीन माह का कार्यकाल तय किया कर दिया था। जिसके बाद से संभावित उम्मीदवार भी चुनावी गतविधियों से दूरी बना लिए थे। जिससे चुनावी माहौल एकदम शांत हो गया था। बृहस्पतिवार को ओबीसी सर्वे के लिए बनाए गए आयोग ने समय सीमा से पहले ही अपनी रिर्पोट सरकार को सौप दी। यह खबर सार्वजनिक होते ही अप्रैल माह में संभावित चुनाव मान कर संभावित उम्मीदवारों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। देखते ही देखते माहौल चुनावी हो गया है। तीन माह से शांत हुआ माहौल अचानक से गर्म हो गया है। संभावित उम्मीदवार मतदाताओं से संपर्क साधना एक बार फिर से शुरू कर दिए है। अब देखना है कि चुनाव की तारीखों के एलान के लिए मतदाताओं और संभावित उम्मीदवारों को और कितना इंतजार करना पड़ सकता है।