SGPGI: शुरू होंगे चार नए विभाग और सुपर स्पेशयलिटी पाठ्यक्रम, 100वीं गवर्निंग बॉडी बैठक में लिए गए निर्णय
लखनऊ। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में अब पीडियाट्रिक यूरोलॉजी विभाग, पीडियाट्रिक नेफ्रोलोजी विभाग, आर्थोपेडिक्स विभाग व टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थ, नए विभाग शुरू होंगे। यह निर्णय गुरुवार को मुख्य सचिव और पीजीआई के अध्यक्ष दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में संपन्न 100 वीं गवर्निंग बॉडी बैठक में लिए गए हैं।
संस्थान के बोर्ड रूम में संपन्न बैठक में मुख्य सचिव ने रेडियोथेरेपी और ऑन्कोलॉजी, पीडियाट्रिक यूरोलॉजी और कार्डियो वैस्कुलर और थोरेसिक सर्जरी में नए एकीकृत छह साल के सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों को भी मंजूरी दी। साथ ही रजिस्ट्रार कर्नल वरुण बाजपेई को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से मंजूरी लेने संबन्धी औपचारिकताएं पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
इसके अलावा, हड्डी रोग विभाग, स्पोर्ट्स मेडिसिन, हैंड सर्जरी, स्पाइनल सर्जरी और हिप और जॉइंट सर्जरी में एमडी सहित नए पाठ्यक्रम शुरू होंगे। रजिस्ट्रार कर्नल वरुण बाजपेई को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से उचित मंजूरी के लिए निर्देशित किया। इसके अलावा गवर्निंग बॉडी की मंजूरी के बाद टेलीमेडिसिन और बायोइंफार्मेटिक्स स्कूल को टेलीमेडिसिन और डिजिटल स्वास्थ्य विभाग में बदलाव किया जाएगा।
टेलीमेडिसिन विभाग द्वारा सुपर स्पेशियलिटी विभागों को आउटरीच सेवाएं मुहैया कराएगा।
निदेशक प्रो. आरके धीमन ने बताया कि विभिन्न विभागों में 91 संकाय पद भरे गए हैं और 1459 में समूह ‘ख’ और ‘ग’ के भी पद भी भरे गए हैं। नव निर्मित विभाग को आईटी और डिजिटल सूचना विज्ञान क्षेत्र से चार-चार और डिजिटल स्वास्थ्य और क्लीनिकल क्षेत्र के चार शिक्षकों के पद भी स्वीकृत किए गए। यह विभाग, हर जिले को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं, परामर्श और संवाद स्थापित कराएगा ताकि विभिन्न मेडिकल कॉलेजों तक विभिन्न सुपर-स्पेशियलिटी विभागों की पहुंच बढ़ेगी।