
गोरखपुर। शब-ए-बरात पर्व मंगलवार को अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाएगा। तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक के इमाम मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी ने बताया कि इस्लामी कैलेंडर के शाबान माह की 15वीं तारीख की रात को शब-ए-बरात के नाम से जाना जाता है। शब-ए-बरात का अर्थ होता है छुटकारे की रात यानी गुनाहों से निजात की रात। दीन-ए-इस्लाम में इस रात की बड़ी अहमियत बयान की गई है। खूब इबादत करें।
क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत करें। पुरुष मस्जिद व घर में रहकर इबादत करें। औरते घरों में रहकर ही नमाज अदा करें। आतिशबाज़ी बिल्कुल भी न की जाए। बेवजह देर रात तक न घूमें। फिजूल काम बिल्कुल भी न करें। युवा आलिम कारी मोहम्मद अनस रज़वी ने बताया कि हदीस शरीफ़ में आया है कि शाबान की 15वीं शब (रात) को कयाम (इबादत) करो और इसके दिन का रोज़ा रखो। यह रात बड़ी रहमत व बरकत वाली है।
इस दिन मुसलमान अल्लाह का ज़िक्र कसरत के साथ करें, क़ज़ा व नफिल नमाज़, रोज़ा, तस्बीह व क़ुरआन की तिलावत करें। इस रात बंदों पर अल्लाह की खास रहमत उतरती है। इस रात बाइक स्टंट न करें। बेवजह न घूमें। आतिशबाज़ी बिल्कुल न करें। समाजसेवी अली गजनफर शाह व हाजी सेराज अहमद ने बताया कि शब-ए-बरात के मौके पर महानगर की तमाम मस्जिदों, दरगाहों, कब्रिस्तानों की साफ-सफाई व रंग-रोगन का काम लगभग पूरा हो चुका है।
दरगाहों व मस्जिदों को छोटी-छोटी, रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। नार्मल तिराहे पर हज़रत मुबारक खां शहीद कब्रिस्तान, कच्ची बाग कब्रिस्तान निज़ामपुर, बहरामपुर, गोरखनाथ, रसूलपुर, हजारीपुर स्थित कब्रिस्तानों में लाइटें लगाई गईं है। लोग अपने पूर्वजों की कब्रों के आस-पास साफ-सफाई कर चुके हैं ताकि जियारत के समय किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। शब-ए-बरात में पूर्वजों की रुहों की मगफिरत के लिए क़ुरआन ख़्वानी, फातिहा ख़्वानी व दुआ ख़्वानी की जाएगी।
गरीबों को हलवा व खाना खिलाया जाएगा। विभिन्न प्रकार का हलवा बनाकर दोस्त-अहबाब व पड़ोसियों में बांटा जाएगा। मदरसा शिक्षक मोहम्मद आजम व समाजसेवी मुनव्वर अहमद ने बताया कि अकीदतमंद इस रात शहर की छोटी बड़ी तमाम मस्जिदों व घरों में इबादत कर अल्लाह से दुआ मांगेंगें। वहीं कब्रिस्तानों में जाकर पूर्वजों की कब्रों पर फातिहा पढ़कर उनकी बख़्शिश की दुआ करेंगे।
अल्लाह के वलियों की दरगाह जैसे हज़रत मुबारक खां शहीद नार्मल, धर्मशाला बाजार में हज़रत नक्को शाह बाबा, रेलवे म्यूजियम के पास हज़रत कंकड़ शहीद, रहमतनगर में हज़रत अली बहादुर शाह, गोलघर में हज़रत तोता मैना शाह, डोमिनगढ़ में हज़रत अब्दुल लतीफ शाह, बुलाकीपुर में हज़रत मुकीम शाह पर जियारत करने वाले लोग पहुंचेंगे। देर रात तक लोग नफिल नमाज़ व तिलावते क़ुरआन पाक कर अपना मुकद्दर संवारने की दुआ करेंगे। अगले दिन रोजा रखकर इबादत करेंगे।