मदीना में रौजों के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर शिया मुसलमानों ने किया विशाल इज्तेमा

लखनऊlसऊदी हुकूमत में जन्नतुल बकी में रौज़े के निर्माण करने की इजाजत दे :मौलाना यासूब अब्बास।
लखनऊ के ऐतिहासिक बडा इमामबाड़ा में ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से सऊदी अरब हुकूमत के विरोध में और जन्नतुल बकी, मदीना में रौज़ों के पुर्ननिर्माण के लिए एक विशाल इजतेमा आयोजित हुआ।
जन्नतुल बकी के कब्रस्तान मदीने में रसूल-ए-इस्लाम की इकलौती बेटी जनाबे फातिमा और इमामों की कब्रों पर बने रोजौ को ध्वस्त किये जाने के विरोध में एक विशाल विरोध प्रदर्शन ( इजतेमा ) आयोजित हुआ
जिसकी अध्यक्षता बोर्ड के अध्यक्ष, मौलाना सय्यद साएम मेंहदी ने की।
शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बस ने बताया कि आज से 100 साल पूर्व सऊदी अरब के शासक आले सऊद ने जन्नत-उल-बकी मदीना में मोहम्मद साहब के खानदान वालों और उनकी बेटी के रौजों को ध्वस्त कर दिया था।
बहुत अफसोस की बात है कि सऊदी हुकूमत जिस रसूल का कलमा पढ़ती है उसकी बेटी की कब्र पर आज तक कोई साया नहीं है।
मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि बड़े शर्म की बात है कि सऊदी शासक अपने बड़े बड़े महलों में रह रहे हैं लेकिन जिनका वह कलमा पढ़ते हैं उनके रसूल की बेटी की कब्र खुले आसमान के नीचे है
मौलाना ने सऊदी अरब हुकूमत से मांग की है कि या तो जन्नतुल बकी मदीने में निर्माण कराए या हमको इजाजत दें कि हम वहां जाकर मजारों का पुनः निर्माण करें। मौलाना ने भारत के प्रधानमंत्री से अपील की है कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके सऊदी सरकार पर दबाव बनाए कि वह शिया समुदाय पर होने वाले अत्याचार को बन्द कराये।
इस्लाम धर्म किसी पर जोर जबरदस्ती नहीं करता, दीन में कोई अपनी विचारधारा दूसरे मुसलमानों पर जबरदस्ती नहीं थोप सकता है। सऊदी अरब मुसलमानों पर जबरदस्ती करके अपना दृष्टिकोण व विचारधारा दूसरे मुसलमानों पर लादना चाहता है ये इस्लाम धर्म के उपदेशों के खिलाफ है।
ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष, मौलाना साएम मेंहदी साहब ने भारत के प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
इसके अतिरिक्त अन्य वक्ताओं ने अपने भाषणों में सऊदी सरकार को निशाना बनाते हुए जन्नत-उल-बकी मदीने में रौज़ों के पुनः निर्माण की मांग की है।
इसके अतिरिक्त इजतेमा में दुनियां भर में जहां जहां भी आतंकी घटना होती है उसकी सख्त लफ्ज़ों में घोर निन्दा की गई तथा पाकिस्तान, अफगानिस्तान और जहां जहां भी बेगुनाह शियों का नरसंहार हो रहा है. उसकी भी निन्दा की गई और यू.एन.ओ. से मांग की गई है कि वह इन देशों पर दबाओं बना कर शियों के नरसंहार को रूकवाये।
“इजतेमा में देश के विभिन्न प्रान्तों से बहुत अधिक संख्या में उलेमा और हजारों की संख्या में मोमनीन ने शिरकत की।