एलयू से भी पुराने नैक से ए ग्रेड प्राप्त शिया PG कॉलेज मैनेजमेंट को सुप्रीम कोर्ट में मिली जीत, कॉलेज विरोधियों को झटका

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध नैक से ए ग्रेड प्राप्त शिया पीजी कॉलेज प्रबंधन की आज एतिहासिक जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से जहां कॉलेज विरोधियों को झटका लगा है वहीं दूसरी ओर कॉलेज के इतिहास में नैक से ए ग्रेड प्राप्त होने के बाद आज दूसरा अध्याय भी इस बड़ी जीत के साथ जुड़ गया है। काफी लंबी लड़ाई के बाद मौलाना कल्बे जव्वाद को हार मिली है। कल्बे जव्वाद के दावे को सुप्रीम कोर्ट ने गलत बताते हुए शिया पीजी कॉलेज प्रबंधन के पक्ष में फैसला दिया है।
ये है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने आज अपने अहम फैसले में शिया कॉलेज को संचालित करने मातृ संस्था बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज शिया कॉलेज एंड अदर कनेक्टेड इंस्टीट्यूशंस,लखनऊ (सोसाइटी) को विधिमान रूप से सही साबित कर दिया है। दरअसल डिप्टी रजिस्ट्रार सोसाइटी ने मौलाना यासूब अब्बास के नेतृत्व वाले बोर्ड को सही मानते हुए प्रोफेसर अजीज हैदर तथा डा. अख्तर हसन रिजवी को क्रमश: अध्यक्ष एवं जनरल सेक्रेटरी माना था। जिसके खिलाफ मौलाना कल्बे जव्वाद लगातार विरोध करते रहे , डिप्टी रजिस्ट्रार के यहां पराजित होने के बाद वो माननीय उच्च न्यायालय में भी 2016 में पराजित हो गए थे । 2016 में सुप्रीम कोर्ट में कॉलेज के मैनेजमेंट के खिलाफ इनके द्वारा रिट याजिका प्रस्तुत की गई थी जिसपर उनको कोई स्थगन आदेश प्राप्त नही हुआ था लेकिन वो केस सुप्रीम कोर्ट में लाबित था ।
सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच ने दिया निर्णय
आज सुप्रीम कोर्ट में फैसले की अंतिम सुनवाई करते हुए मौलाना कल्बे जव्वाद की अपील को खारिज करते हुए विवाद को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया। जस्टिस अनिरुद्ध बोस तथा जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने आज इस प्रकरण की सुनवाई कर अपना फैसला आज सुनाया । शिया कॉलेज की ओर से सीनियर एडवोकेट के तौर पर डा अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा।
कॉलेज में फूटे पटाखे, मनाई खुशी
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही पूरे कॉलेज परिसर में दीपावली जैसा माहौल हो गया। सबसे अधिक यहां के कर्मचारियों ने खुशी जताई एक दूसरे को गले लगाकर इस जीत की बधाई दी और खुशी में पटाखे भी जलाये। इस मौके पर लोगों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई भी दी।
एलयू से भी पुराना है ये कॉलेज, नैक से 2022 में मिला था ए ग्रेड
सीतापुर रोड पर स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध शिया पीजी कॉलेज वैसे तो लखनऊ विश्वविद्यालय से पुराना है। कॉलेज ने 104 वर्ष पूरे कर लिए है। जबकि लखनऊ विश्वविद्यालय 103 वर्ष पुराना है। कॉलेज के इतिहास में नया अध्याय तब जुड़ा जब अक्टूबर 2022 में इसे नैक मूल्यांकन में ए ग्रेड मिला। कॉलेज की खसियत ये रही है। कि जब किसी बच्चे का एडमिशन लखनऊ विश्वविद्यालय में नहीं हो पाता था तो उसकी पहली च्वॉइस शिया पीजी कॉलेज रही है।
104 वर्ष के इस कॉलेज की इमारत भी अपने में एक इतिहास को समेटे हुए है। बड़ी बात ये भी है कि सभी धर्मों के छात्र यहां पर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं लेकिन किसी प्रकार की यहां पर सांप्रदायिक माहौल नहीं बिगड़ा। कॉलेज के आईक्यूएसी कोआर्डिनेटर डॉ मिर्जा मोहम्मद अबु तैय्यब कॉलेज को नैक से ए ग्रेड दिलाने में यहां के एक-एक शिक्षक और कर्मचारी का योगदान है।
आज लंबी लड़ाई के बाद सच्चाई की जीत हुई है। कॉलेज से जुड़े एक एक कर्मचारी व शिक्षक की ये जीत है। इस कॉलेज से एक से बढ़कर एक छात्र पढ़कर निकले हैं। कॉलेज प्रबंधन की हमेशा मंशा रही है कि यहां बेतहर गुणवत्ता के साथ बच्चों को शिक्षा मिले। प्रबंधन की ओर से हमेशा इस प्रयास में संघर्ष जारी है। शिक्षा के इस मंदिर को जिस तरह से विरोधियों को ओर से बदनाम करने का प्रयास किया गया आज सुप्रीम कोर्ट ने उनके मुंह पर ताला लगाने का काम किया है।
डॉ. मिर्जा मोहम्म्द अबु तैय्यब निदेशक प्रवेश समिति शिया पीजी कॉलेज लखनऊ