SP नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से झटका, UP चुनाव में प्रचार के लिए जमानत देने से साफ इनकार
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगी है. आजम खान ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की मांग की थी. हालांकि शीर्ष अदालत ने खान को जमानत देने से साफ इनकार कर दिया है. कोर्ट ने आजम खान को अपनी याचिका के साथ संबंधित अदालत का दरवाजा खटखटाने को कहा है.
उत्तर प्रदेश चुनाव के सीतापुर जेल में लगभग दो साल से बंद रामपुर से SP सांसद आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत पर रिहाई की अर्जी लगाई थी. आजम खान ने अपनी याचिका में कहा था, ‘राज्य सरकार उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों में अभियोजन प्रक्रिया को खामख्वाह लटका रही है, ताकि वो चुनाव प्रचार में हिस्सा ना ले सकें.’ खान ने कोर्ट को बताया था, ‘प्रदेश की अदालतों में जमानत पर रिहाई के लिए तीन अलग-अलग मामलों में अर्जियां लगा रखी हैं. लेकिन सरकार का अभियोजन विभाग उसमे जानबूझ कर लापरवाही बरत रहा है.’ खान ने कहा था, ‘सरकार नहीं चाहती कि मैं किसी भी सूरत में चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर आऊं.’
आजम खान को राहत नहीं
Supreme Court refuses to grant any relief to Samajwadi Party leader Azam Khan who was seeking interim bail to campaign in upcoming #UttarPradeshElections. SC asks Azam Khan to approach concerned court with his plea. pic.twitter.com/XfozRnyuVs
— ANI (@ANI) February 8, 2022
जमीन हथियाने और अतिक्रमण करने का आरोप
आजम खान को फरवरी 2020 में उनके बेटे और पत्नी के साथ जमीन हथियाने, अतिक्रमण करने और फर्जी जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के विभिन्न मामलों में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि बाद में उनकी पत्नी और बेटे को जमानत पर रिहा कर दिया गया. समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान उत्तर प्रदेश के रामपुर विधानसभा क्षेत्र से सांसद हैं. इससे पहले वे यूपी कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं.
फर्जीवाड़े और भूमि पर अवैध कब्जे के आरोपों में घिरकर दो साल से सीतापुर जेल में बंद आजम ने अपनी याचिका में कहा था कि उनके खिलाफ मुकदमों में कार्रवाई की रफ्तार काफी धीमी गति से चल रही है. उन्होंने इसके पीछे राजनीतिक साजिश का हाथ बताया था और कहा था, ‘लोकतांत्रिक प्रक्रिया विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने के लिए उनको अंतरिम जमानत मिलनी जरूरी है.’ हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अर्जी को खारिज करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत देने से साफ इनकार कर दिया है.