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योगी सरकार की जनसुनवाई से शिकायतों के निस्तारण में बड़ा सुधार, एक बार फिर श्रावस्ती ने मारी बाजी

  • सीएम की मॉनीटरिंग से जनसुनवाई में आने वाली शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण से शिकायतों में दर्ज की गई गिरावट
  • सीएम डैशबोर्ड और आईजीआरएस जनशिकायतों के निस्तारण में निभा रहा अहम रोल
  • योगी सरकार के प्रयास का दिख रहा असर, जनशिकायतोंं के निस्तारण में श्रावस्ती पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर
  • आईजीआरएस की मई माह की रिपोर्ट में खुलासा, शाहजहांपुर ने दूसरा और अमेठी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया

लखनऊ। योगी सरकार आमजन मानस की जनशिकायतों के निस्तारण में आए दिन नए आयाम स्थापित कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मॉनीटरिंग से ही संभव हो पाया है कि प्रदेश में जनशिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में बड़ा सुधार आया है। यही वजह है कि लगातार जनसुनवाई से शिकायतों के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। यह बात सीएम डैशबोर्ड और आईजीआरएस (इंटिग्रेटेड ग्रिवांस रीड्रेसल सिस्टम) की मई माह की रैंकिंग में सामने आयी है। रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में जनशिकायतों के निस्तारण में श्रावस्ती ने बाजी मारी है। वहीं शाहजहांपुर ने दूसरा और अमेठी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।

सुबह 10 बजे जनसुनवाई, शाम 5 बजे लंबित और रात 9 बजे असंतुष्ट फीडबैक मामलों की होती है समीक्षा

श्रावस्ती जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप श्रावस्ती में शिकायत निस्तारण को लेकर विशेष रणनीति अपनाई गई है। जिले में रोजाना सुबह 10 बजे जनसुनवाई होती है, जिसके बाद दिन भर प्राप्त शिकायतों की प्रगति की समीक्षा की जाती है। वहीं लंबित मामलों की समीक्षा शाम 5 बजे और असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त प्रकरणों की गुणवत्ता का परीक्षण रात 9 बजे किया जाता है। उन्होंने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर सभी विभागीय अधिकारियों को जनसुनवाई और शिकायत निस्तारण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के स्पष्ट आदेश दिये गये हैं। इसके अलावा नोडल अधिकारियों के माध्यम से शिकायतों की गुणवत्ता की निरंतर निगरानी की जा रही है, जिससे निस्तारण की पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित हो रही है। यही वजह है कि पिछले कई महीनों से श्रावस्ती जनसमस्याओं के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से निस्तारण में टॉप फाइव जिलों में बना हुआ है। उन्होंने बताया कि मई माह की आईजीआरएस और सीएम डैशबोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में श्रावस्ती ने मामलों के निस्तारण में पहला स्थान प्राप्त किया है।

आईजीआरएस रैंकिंग से जिलों में आपसी प्रतिस्पर्धा का जनता को मिल रहा सीधा लाभ

डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि मई की रिपोर्ट के अनुसार श्रावस्ती ने 140 पूर्णांक के सापेक्ष 137 प्राप्तांक प्राप्त किये हैं। वहीं श्रावस्ती का जनशिकायतों के निस्तारण का रेश्यो 97.86 प्रतिशत है, जो सबसे अधिक है। इसके साथ ही आईजीआरएस की मई-25 की रिपोर्ट के अनुसार, टॉप-5 जिलों में शाहजहांपुर (95.71%) दूसरे, अमेठी (94.29%) तीसरे, हमीरपुर (94.29%) चौथे और अंबेडकरनगर 89.29 प्रतिशत के साथ पांचवां स्थान प्राप्त किया है। इन जिलों ने न केवल शिकायतों को समय पर सुलझाया, बल्कि समाधान की गुणवत्ता को भी प्राथमिकता दी। वहीं छठे स्थान , पर हाथरस, सातवें स्थान पर आजमगढ़, आठवें स्थान पर चंदौली, नौवे स्थान पर मैनपुरी और दसवें स्थान पर सिद्धार्थनगर है।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा निरंतर सुनिश्चित किया जा रहा है कि जनशिकायतों का समाधान समयबद्ध और संतोषजनक हो। उनके निदेर्शों पर न सिर्फ शिकायतों की संख्या में कमी आई है, बल्कि असंतुष्ट मामलों की दर में भी गिरावट दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, आॅनलाइन पोर्टल और आईजीआरएस जैसे माध्यमों को प्रभावशाली ढंग से उपयोग में लाया जा रहा है। यही वजह है कि आईजीआरएस रैंकिंग एक ऐसा माध्यम बन गया है, जिससे जिलों में आपसी प्रतिस्पर्धा भी उत्पन्न हो रही है और इसका सीधा लाभ प्रदेश की जनता को मिल रहा है। योगी सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक की समस्या का समाधान समयबद्ध, संतोषजनक और पारदर्शी तरीके से हो ताकि जनसुनवाई केवल प्रक्रिया नहीं, बल्कि समाधान की पहचान बने।

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