
सन्तकबीरनगर। पूराबाजार ऐमीआलापूर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में अयोध्या के प्रख्यात कथा प्रवक्ता आचार्य धरणीधर जी महाराज ने षष्ठ दिवस में कहा भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला का वर्णन करते हुए बताया कि रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इस कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व सामर्थ्य के साथ आक्रमण किया है लेकिन वह भगवान को पराजित नही कर पाया उसे ही परास्त होना पड़ा है रास लीला में जीव का शंका करना या काम को देखना ही पाप है गोपी गीत पर बोलते हुए कथा प्रवक्ता ने कहा जब तब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाते है लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है उसे दर्शन देते है।
भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ लेकिन रुक्मणि को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। आचार्य धरणीधर जी महाराज ने कहा कि रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी है और वह नारायण से दूर रह ही नही सकती यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक नही तो फिर वह धन चोरी द्वारा, बीमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है।
धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत: ही प्राप्त हो जाती है। श्रीकृष्ण भगवान व रुक्मणि के अतिरिक्त अन्य विवाहों का भी वर्णन किया गया। इस अवसर पर मुख्य यजमान जगदंबा प्रसाद दुबे, सियाराम दुबे,अनूप दुबे,जतिन पाण्डेय, अभिजित मिश्र, संदीप दुबे,डा.दिलीप सिंह, राधे श्याम तिवारी,पुनीता मिश्र,रेनू दूबे, महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्र, संदीप दुबे, आशीष पाण्डेय समेत तमाम लोग मौजूद रहे।