सपा ने 3 बागी विधायकों को पार्टी से किया निष्कासित, राकेश प्रताप सिंह, मनोज पांडेय और अभय सिंह पर एक्शन

लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने आखिरकार बागी विधायकों के खिलाफ एक्शन ले ही लिया। राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग के आरोपों में घिरे विधायक अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोजर कुमार पांडेय को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। बाकी चार विधायकों को राहत मिल गई है, इसलिए क्योंकि उन्होंने दोबारा से पीडीए में अपनी आस्था जताई है।
सोमवार को सपा ने इन तीन विधायकों के निष्कासन की घोषण करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा कि, “समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीति के विपरीत साम्प्रदायिक, विभाजनकारी, नकारात्मकता व किसान, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा और ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का साथ देने के कारण’’ तीनों विधायकों को पार्टी से निष्कासित किया गया है।
गोसाईगंज से सपा विधायक अभय सिंह, गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह और रायबरेली की ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज कुमार पांडेय पर खुले तौर पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन में आने का आरोप है।
पार्टी ने कहा, “इन लोगों को हृदय परिवर्तन के लिए दी गयी ‘अनुग्रह-अवधि’ की समय-सीमा अब पूर्ण हुई। शेष लोगों की समय-सीमा अच्छे व्यवहार के कारण शेष है। भविष्य में भी ‘जन-विरोधी’ लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा और पार्टी के मूल विचार की विरोधी गतिविधियां सदैव अक्षम्य मानी जाएंगी।”
सपा ने आगे कहा, “जहां रहें, विश्वसनीय रहें! सहृदयपूर्ण शुभकामनाएं!!!” सपा का आरोप है कि उसके विधायकों अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज कुमार पांडेय ने पिछले साल हुए राज्यसभा चुनाव में अपनी पार्टी से बगावत करते हुए भाजपा प्रत्याशियों को वोट दिया था। पार्टी ने उनके खिलाफ तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की थी।
सनद रहे कि राज्यसभा में भाजपा ने आठ प्रत्याशी उतारे थे, जबकि सपा ने तीन। आरोप है कि सपा के सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी। इसमें राकेश पांडेय, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी, राकेश प्रताप सिंह, पूजापाल, आशुतोष मौर्य और मनोज पांडेय शामिल है।
हालांकि सपा ने 7 बागी विधायकों में सिर्फ तीन पर एक्शन लेते हुए उन्हें निष्कासित किया है। पार्टी ने कहा कि विधायक राकेश पांडेय, पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी और आशुतोष मौर्य का मन बदल रहा है। वे सभी पीडीए के प्रति आस्था दिखा रहे हैं। हालांकि राज्यसभा चुनाव के वक्त बागी सभी बागी विधायकों ने अपनी अंतर आत्मा की आवाज सुनकर वोटिंग का दावा किया था।