सुलतानपुर के अपर जिला जज मनोज कुमार शुक्ला निलंबित
बस्ती। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में सुलतानपुर जिले के अपर जिला जज मनोज कुमार शुक्ला को बस्ती जिले में चल रहे सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने के आरोप में निलंबित कर दिया है। उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अंकित विवरण में शुक्ला को गत तीन अप्रैल से निलंबित बताते हुए सोनभद्र से संबद्ध किये जाने की जानकारी दी गयी है।
शुक्ला के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई के बारे में बस्ती जिला प्रशासन से मंगलवार को मिली जानकारी के अनुसार बस्ती जिले में स्थित अपने पैतृक गांव छपिया में उनके द्वारा सरकारी काम में बाधा डालने की शिकायत मिली थी। इसके तहत विगत दिनों छपिया गांव में जिला प्रशासन द्वारा एक नहर की खुदाई के काम को रोकने के लिये वह जेसीबी मशीन के आगे लेट गये थे। इस कारण से प्रशासन को नहर की खुदाई का काम को रोकना पड़ा। सूत्रों के अनुसार इस मामले में बस्ती की जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने सुलतानपुर के अपर जिला जज शुक्ला के इस काम की शासन को रिपोर्ट भेजी। उच्च न्यायालय ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए इस पर संज्ञान लेकर शुक्ला को निलंबित कर दिया।
आपको बता दे कि जिले के हरैया थाना क्षेत्र के छपिया शुक्ल गांव में नहर खुदाई के दौरान जेसीबी मशीन के सामने न्यायिक अधिकारी मनोज शुक्ला का ‘हाई वोल्टेज’ ड्रामा सामने आया था, दरअसल, न्यायिक अधिकारी नहर खुदाई कर रही जेसीबी मशीन के आगे लेट गए थे और घंटों तक ये ड्रामा चलता रहा था। मनोज शुक्ला इस मामले में पूरी रात जिला प्रशासन की टीम के सामने बिना खाए-पिए जमीन पर लेटे रहे. जिला प्रशासन की मिन्नत के बाद भी न्यायिक अधिकारी नहीं पसीजे और अपने जिद पर अड़े रहे। बताया जाता है कि इस नहर के हुए निर्माण को एडीजे के भतीजे द्वारा गिराया गया था, जिसके बाद मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी.
एडीजे मनोज शुक्ला ने बताया था कि “ये मेरी पुश्तैनी जमीन है, जहां पर कब्जा किया जा रहा है. साल 2013 का जमीन अधिग्रहण का जो नया एक्ट है, उसका पालन नहीं हो रहा है. डीएम के आदेश पर यहां कार्य हो रहा है. जो डीएम ने आदेश किया है वो भ्रष्टाचार से युक्त आदेश है. ये जमीन का अधिग्रहण तभी कर सकते थे, जब ये हमको उसका धन देते, हमको अभी तक एक भी पैसा नहीं मिला.”
वहीं, इस प्रकरण पर सिंचाई विभाग के जिलेदार विवेकानंद ने कहा था , “ये नहर 28.52 किमी की है. नहर की खुदाई पूरी हो चुकी है. बस यही पैच बचा है. बाकी सभी लोगों को मुआवजा दे दिया गया है, इनको भी नोटिस भेजा गया था. इन्होंने नोटिस पर आपत्ति लगाई है. डीएम और एसडीएम के आदेश पर नहर की खुदाई की जा रही है.” प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपर जिला जज मनोज कुमार शुक्ला की एक तस्वीर शेयर करते हुए योगी आदित्यनाथ के कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे । उन्होंने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि जनता को जस्टिस चाहिए जेसीबी नहीं।