स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्ञानवापी परिसर में पूजा की नहीं मिली अनुमति
- पूजा के लिए जायेंगे तो होगी कड़ी कार्यवाही,जिला प्रशासन सतर्क
वाराणसी। द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को प्रशासन ने ज्ञानवापी परिसर में पूजा की अनुमति नहीं दी है। साथ ही चेताया है कि ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने जायेंगे तो कठोर कार्यवाही की जायेगी। शुक्रवार शाम डीसीपी काशी जोन ने कहा कि शांति और कानून व्यवस्था को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ज्ञानवापी परिसर स्थित जिस स्थान पर जाकर पूजा-अर्चना की अनुमति मांग रहे है। वह कोर्ट के आदेश से सील किया गया है। उस स्थान की निगरानी सीआरपीएफ के जवान करते हैं। उस स्थान से संबंधित मुकदमा अदालत में चल रहा है। ऐसे में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को ज्ञानवापी परिसर में जाकर पूजा-अर्चना करने की अनुमति नहीं दी गई है। इस संबंध में उन्हें सूचना भी दे दी गई है।
बताते चलें बीते गुरूवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पत्रकार वार्ता कर ऐलान किया था कि वह शनिवार 4 जून को ज्ञानवापी मस्जिद में प्रकट हुए शिवलिंग की पूजा करने जाएंगे। उन्होंने बताया था कि सुबह 8.30 बजे केदारघाट श्रीविद्यामठ से कुल 71 लोगों के साथ वे ज्ञानवापी के लिए निकलेंगे। इसमें उनके एक ब्रह्मचारी रहेंगे। इसके अतिरिक्त 64 भक्त पूजन सामग्री के साथ रहेंगे तथा 5 पण्डित रहेंगे। इतनी ही नियत संख्या रहेगी और सभी अनुशासित रहेंगे। नौका पर सवार होकर केदारघाट से ललिताघाट पहुंचेंगे और वहाॅ से गंगाजल कलशों में भरकर प्रकट हुये शिवलिंग तक जायेंगे। पूजा आरती भोगराग लगाकर पुनः 10 बजे श्रीविद्यामठ केदारघाट लौट आयेंगे।