
गोरखपुर। गुरुवार शाम को माह-ए-रमज़ान का चांद देखा गया। चांद का ऐलान तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत ने किया। जिसके साथ ही मुकद्दस रमजान माह शुरु हो गया। चारों तरफ खुशियां छा गईं। मुस्लिम घरों, मोहल्लों व मस्जिदों में हर ओर रौनक देखी गई। सभी ने एक-दूसरे को माह-ए-रमज़ान की मुबारकबाद पेश की। सभी अल्लाह तआला की इबादत में जुट गए। सभी ने अपने गुनाहों की माफी मांगी। मुकद्दस रमजान का पहला अशरा ‘रहमत’ का शुरु हो गया। शुक्रवार (जुमा) को पहला रोजा रखा जाएगा और एक महीने बाद खुशियों का सबसे बड़ा पर्व ईद मनाया जाएगा। पहला रोजा करीब 13 घंटा 45 मिनट का होगा। रमजान का आगाज जुमा से होने के कारण लोगों में काफी उत्साह है। गुरुवार को मगरिब की नमाज के बाद तरावीह नमाज की तैयारी शुरु हो गईं।
मुस्लिम समाज के लोग नहा-धोकर, अच्छा लिबास पहनकर, टोपी व इत्र लगाकर मस्जिदों व मदरसों में पहुंचे और पहले एशा की नमाज बाजमात अदा की उसके बाद तरावीह की 20 रकात नमाज अदा की गई। मस्जिदों में नमाजियों की लंबी कतारें दिखीं। भीड़ इस कदर बढ़ी कि कई मस्जिदों में जगह कम पड़ गई। तरावीह के लिए सबसे ज्यादा भीड़ उन स्थानों पर देखी गई, जहां कुरआन शरीफ को सात और दस दिनों में मुकम्मल करने का सिलसिला तय किया गया है।
मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार, रेलवे म्यूजियम स्थित हजरत कंकड़ शाह दरगाह की मस्जिदे बेलाल, दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद नार्मल, रसूलपुर जामा मस्जिद आदि पर खासी भीड़ देखी गई। घरों में महिलाओं ने तरावीह की नमाज पढ़ी और अन्य इबादतें की। रात 8:30 बजे के बाद शुरु हुई तरावीह की नमाज का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। तरावीह की नमाज खत्म होने के साथ ही लोग शुक्रवार से शुरु होने वाले रोजे की सहरी और इफ्तार की तैयारियों में जुट गए। बाजारों में भी चहल-पहल बढ़ गई।
घरों और मस्जिदों में कुरआन शरीफ की तिलावत शुरु हो गई है। नमाज, तिलावत, तस्बीह व दुआ का सिलसिला चल पड़ा है जो पूरे माह तक जारी रहेगा। लोगों ने अल्लाह की हम्दो सना की और अल्लाह की इबादत में मशगूल हो गए। तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमजान हेल्पलाइन नंबरों पर लोगों की लगातार कॉल आती रही। उलमा किराम द्वारा सभी के सवाल का जवाब शरीअत की रोशनी में दिया जा रहा है। शुक्रवार से रमज़ान में सहरी व इफ्तार के दस्तख्वान पर सजे लजीज व्यंजन, शर्बत, फल, खजूर वगैरा रोजेदार का इस्तकबाल करते नज़र आएंगे।