
- आपके एक छोटे प्रयास से ब्रेक होगी टीबी की चेन, 2025 तक टीबी मुक्त होगा इंडिया
बहराइचl टीबी यानि क्षय रोग का इलाज शुरू होने के 15 से 20 दिन बाद मरीज की खांसी बैक्टीरिया रहित हो जाती है। इससे दूसरों में रोग के फैलने का खतरा नहीं रहता। ऐसे में यदि घर या आस-पास किसी में टीबी के संभावित लक्षण हैं तो उन्हें जांच के लिए प्रेरित कर या विभाग को सूचना देकर आप भी टीबी को फैलने से रोक सकते हैं । इस पहल से हम-आप सहित बच्चे व बुजुर्ग भी इस रोग से सुरक्षित रहेंगे। यह कहना है सीएमओ डॉ सतीश कुमार सिंह का।
उनका कहना है कि मरीज के खाँसने व छीकने से टीबी रोग एक दूसरे में फैलता है और यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।इसके उन्मूलन के लिए वर्तमान में 4153 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। शेष टीबी के लक्षण वाले संभावित मरीजों की जांच के लिए 15 मई से 21 दिवसीय विशेष अभियान चलाया जा रहा है । जांच में टीबी होने पर मरीज का इलाज किया जाएगा । इससे जहां वह स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी सकेंगे वहीं उनके खाँसने व छीकने से दूसरों में इस रोग के फैलने का खतरा नहीं रहेगा। बताया जाता है कि स्कूल कालेज से लेकर ऑफिस व भीड़-भाड़ वाली किसी भी सार्वजनिक जगह पर टीबी का बैक्टीरिया एक दूसरे में हवा के माध्यम से फैल सकता है। एक ही हवा में सांस लेने के कारण कोई भी इसकी चपेट में आ सकता है ।
इतना ही नहीं यदि घर में किसी को टीबी के लक्षण हैं तो वह बच्चों सहित दूसरे सदस्यों को भी प्रभावित कर सकता है। रिसिया के राजेन्द्र निवासी 22 वर्षीय अनामिका इसका एक उदाहरण हैं। वह बीते साल टीबी बीमारी से पीड़ित हो गईं थी । लगभग छह माह निरंतर सरकारी दवाओं के सेवन से वह स्वस्थ हो गईं। बक़ौल अनामिका उनके परिवार में कोई भी इस रोग से पीड़ित नहीं था । उन्हें यह रोग उनके कालेज की एक छात्रा से मिला था। अनामिका कहती हैं कि जब तक सभी लक्षण वाले व्यक्तियों की जांच कर इलाज नहीं कराया जाता है तब तक टीबी का उन्मूलन संभव नहीं है।