AKTU: मेडल की चमक से चमके मेधावियों के चेहरे, युवाओं को 2047 तक देश को बनाना है विकसित भारत- राज्यपाल
लखनऊ, अमृत विचार: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) का 22वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के हाथों पदक पाकर मेधावियों के चेहरे खिल उठे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तैर पर एमजी मोटर्स इंडिया सीईओ एमिरेट्स-जेएसडब्ल्यू राजीव चाबा और विशिष्ट अतिथि के रूप में प्राविधिक शिक्षा विभाग मंत्री आशीष पटेल मौजूद रहे।
सबसे पहले विश्वविद्यालय में सर्वोच्च स्थान पाने वाली मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, मेरठ के बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियनिंग (डाटा साइंस) की छात्रा झलक जैन को कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कुलाधिपति स्वर्ण पदक देकर उसका उत्साहवर्धन किया। साथ ही छात्रा को बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से प्रोत्साहन के तौर पर 31 हजार रूपये का चेक प्रदान किया गया। समारोह में 39 स्वर्ण, 27 रजत और 25 कांस्य सहित कुल 91 पदक मेधावियों को दिये गये। जिसमें 57 पदक लड़कियों की झोली में आए। अलग-अलग पाठ्यक्रमों के 47269 छात्रों को डिग्री दी गयी। जबकि 46 छात्रों को विभिन्न विषयों में पीएचडी डिग्री अवार्ड प्रदान किए गए।
राष्ट्र की प्रगति में सकारात्मक योगदान करें : राज्यपाल
अपने संबोधन में राज्यपाल कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि यह दीक्षांत समारोह किसी भी छात्र-छात्रा के जीवन में विशिष्ट अवसर है, और अपनी उपलब्धियों का मूल्यांकन करने का दिन भी होता है। इस उपाधि के साथ छात्र मानव संसाधन के रूप में राष्ट्र की प्रगति में सकारात्मक योगदान करें यह भी विश्वविद्यालय की अपेक्षा रहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र की युवा शक्ति पर बहुत भरोसा करते हैं। यही कारण है कि विकसित भारत 2047 के लिए युवाओं से उनके विकसित भारत की संकल्पना को जानने के लिए सुझाव आंमत्रित किए हैं। विश्वविद्यालय शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। प्रधानमंत्री का लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है। इस क्रम में प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए प्रोफेशनल और वोकेशनल दोनों ही क्षेत्रों के विकास को गति प्रदान की है। एक तरफ जहां इनोवेशन और इंक्यूबेशन के माध्यम से स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप इंडिया, स्टैडअप इंडिया, अटल इनोवेशन मिशन, मेक इन इंडिया आदि तमाम प्रमुख योजनाओं को संचालित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा भी स्टार्टअप के लिए सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं।
अपने बच्चों को शस्त्र नहीं शास्त्र पढ़ाना है
राज्यपाल ने कहा कि आज डिग्री ले रहे युवाओं को यह संकल्प लेना होगा कि उन्हें देश के प्रगति में अपना योगदान देना है। क्योंकि होनहार देश को छोड़कर चले जाते हैं। इस बार के बजट में कौशल विकास को बढ़ाने के लिए प्रावधान किया गया है। प्रदेश के 20 लाख छात्रों को कौशलपूर्ण बनाया जाएगा। उन्होंने शिक्षकों से नई तकनीकी को पढ़ने और छात्रों को पढ़ाने का निर्देश दिया। कहा कि आज का दौर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी का है। इसलिए युवा इन क्षेत्रों में काम करके आगे बढ़ सकते हैं। अब विश्वविद्यालयों को एआई के जरिये पेपर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में युद्ध चल रहा है। भारत शांतिप्रिय देश है। हम अपने बच्चों को शस्त्र नहीं शास्त्र पढ़ाना है। हम उन्हें संस्कार दें। पर्यावरण को बचाना इस वक्त की सबसे बड़ी चुनौती है। इसलिए बच्चों को को एक पेड़ अपनी मां के नाम से लगाना होगा।
महिलाओं की भागीदारी जरूरी : राजीव चाबा
समारोह के मुख्य अतिथि सीईओ एमिरेट्स-जेएसडब्ल्यू, एमजी मोटर्स इंडिया राजीव चाबा ने अपने अनुभवों को साझा किया। बताया कि छात्र अपने में कुछ गुणों को लाकर सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकते हैं। कहा कि एमजी मोटर्स ने महिलाओं को सशक्त बनाते हुए 45 प्रतिशत महिला कर्मचारियों को काम पर रखा है। कोई भी देश बिना महिलाओं की भागीदारी के आगे नहीं बढ़ सकता है। छात्रों को सीख देते हुए कहा कि इस वक्त की मांग है एआई और एमएल सहित नई तकनीकी। छात्रों को इन्हें जानने की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन के लिए युवा कुछ कर सकते हैं। कोरोना के बाद से वेलनेस उद्योग में अच्छा अवसर है। छात्र कॉन्टेंट क्रियेशन को भी सीखें। इसके साथ ही छात्रों को सोशल मीडिया के साथ ही व्यक्तिगत संबंध रखने बहुत जरूरी है। अच्छी कम्युनिकेशन होना चाहिए। सहयोग की भावना से काफी आगे बढ़ा जा सकता है। चीजों को सीखने की क्षमता विकसित होनी चाहिए। इसके अलावा बताया कि आगे बढ़ने के लिए दूसरों का सम्मान बेहद जरूरी है। महिलाओं के साथ समानता का व्यवहार करना बेहद जरूरी है। इन्हें अपनाकर छात्र आगे बढ़ सकते हैं।
इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि मौजूद प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि पिछले कुछ समय से प्रदेश में उच्च शिक्षा के माहौल में सकारात्मक परिवर्तन आया है। शोध और नवाचार में तेजी से कार्य हुए हैं। इसी का नतीजा है कि प्रदेश के विश्वविद्यालय नैक की रैंकिंग आ रही है ।कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की।
गांवों के बच्चों की प्रतिभा का हुआ सम्मान
विश्वविद्यालय की ओर से राज्यपाल के निर्देश पर विश्वविद्यालय के गोद लिये अलग-अलग विकासखंडों के धुबैला, पलहरी, पश्चिम गांव, फरूखाबाद, कोन्दरी भउली, सैरपुर, दुगवार, मिर्जापुर, दिगोई, दुर्जनपुर, रसूलपुर, और रैथा गांवों के स्कूलों में चित्रकला, कहानी कथन एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इन प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान पाने वाले बच्चों को मंच से कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने पुरस्कृत किया। साथ ही बच्चों की बनाई पेंटिंग समारोह के दौरान प्रदर्शित की गयी। बच्चों की हैंडराइटिंग में लिखी गयी भाषण और कहानी कथन की बनायी गयी किताब भेंट की गई।
छह श्रेणियों में दिया गया बेस्ट स्टार्टअप अवार्ड
दीक्षांत समारोह के दौरान इस बार छह श्रेणियों में स्टूडेंट स्टार्टअप अवार्ड दिया गया। एक्सिसबिलिटी अवार्ड स्टार्टअप अशहोनी इनोवेशन एंड प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया। इसे बीटेक के छात्र हर्ष चौहान ने बनाया है। हेल्थ इनोवेशन स्टार्टअप अवार्ड एंबुवियंस हेल्थकेयर, प्राइवेट लिमिटेड स्टार्टअप यश कुमार गोयल को मिला। इसी तरह सोशल इम्पैक्ट अवार्ड राइट पाथ प्रिडिक्टर प्राइवेट लिमिटेड एमबीए की छात्रा यशिका राय को दिया गया। सेस्टेनिबिलिटी चैंपियन अवार्ड मटियारी टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड बीटेक के छात्र सिद्धांत निषाद को मिला। टेक इनोवेशन अवार्ड स्ट्रिनिटी ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड के निशांत पाल को दिया गया। वूमेन लेड स्टार्टअप अवार्ड फ्लक्सविसियो डायनिमिक्स एलएलपी इशिता को दिया गया।
लड़कियों को दिलाएंगे बराबरी का दर्जा: झलक
कुलाधिपति स्वर्ण पदक पाने वाली मेरठ की रहने वाली छात्रा झलक जैन नोएडा में आईआरबी कंपनी में जावा डेवलपर के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें गूगल, माइक्रोसाफ्ट जैसी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कॅरियर बनाना है। झलक का कहना है कि लड़कियों के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है और मौका मिलने पर वह इसके लिए काम करेंगी। इससे लड़कियों को बराबरी का दर्जा मिलेगा। उन्होंने कहा, अब भी बहुत सी लड़कियां इंटर के बाद नहीं पढ़ पाती हैं, जबकि वे लड़कों से ज्यादा क्षमतावान होती हैं। झलक के पिता संजीव जैन ज्वेलर्स हैं। मां रचना जैन गृहणी हैं। झलक बताती है कि मां ने उसे पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। झलक सीबीएसई बोर्ड से हाईस्कूल की टॉपर और 12वीं में स्कूल टॉपर रही हैं।
कैब की तरह मिलेगी एंबुलेंस
दीक्षांत में गाजियाबाद के यश कुमार गोयल और उनकी टीम द्वारा संचालित किए जा रहे स्टार्टअप को बेस्ट हेल्थ केयर अवार्ड मिला है। यश के मुताबिक उन्होंने अम्बुवियन्स नाम से सॉफ्टवेयर तैयार किया है। मोबाइल पर सर्च कर इमरजेंसी कॉल कर एंबुलेंस की मांग की जा सकती है। जिस तरह से कैब की बुकिंग होती है ठीक उसी तरह से एंबुलेंस मिलेगी। एंबुलेंस में जरूरी जांचे में तत्काल हो जाएंगी। अस्पताल पहुंचने पर तुरंत इलाज शुरू हो सकेगा।
डिवाइस से बोलने और समझने लगेंगे मूक बधिर
एक्सेसिबिलटी स्टार्टअप अवार्ड जीतने वाले हर्ष चौहान एमआईईटी कॉलेज मेरठ बीटेक इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन के सेकंड ईयर के छात्र हैं। उनकी कंपनी आशोनी इनोवेशन एंड प्रॉडक्ट प्राइवेट लिमिटेड ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जो मूक बधिरों की आवाज बन रहा है। हर्ष का कहना है कि इस डिवाइस से साइन लैंग्वेज को आवाज में बदला जा सकता है। इस डिवाइस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया गया है।