उन्नाव में दलित युवती का फिर से हुआ पोस्टमार्टम, लखनऊ से आई टीम ने लिए सैंपल, परिवार ने पहली रिपोर्ट पर उठाए थे सवाल
उन्नाव में दलित युवती के हत्याकांड मामले में डॉक्टरों के पैनल से हुए पोस्टमार्टम पर पीड़िता के परिजनों की ओर से सवाल खड़े किए जा रहे हैं. पीड़िता के परिजनों ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर दोबारा पोस्टमार्टम करवाए जाने की मांग की थी. अब डीएम ने इसकी इजाजत दे दी है. डीएम की अनुमति पर एसपी ने मंगलवार शुक्लागंज कोतवाली क्षेत्र के जाजमऊ स्थित चंदन घाट में दफनाए गए शव को खुदवा कर दोबारा पोस्टमार्टम करवाने के लिए भिजवाया. शाम को लखनऊ से आई फॉरेंसिंक एक्सपर्ट्स की टीम से शव का दोबारा पोस्टमार्टम करवाया गया.
बतातें चलें कि करीब दो माह बाद सेफ्टिंक टैंक से दस फरवरी को शव के बरामद होने पर 11 फरवरी को डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम करवाया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में करीब पैंतालीस दिन पहले हत्या किए जाने की पुष्टि हुई थी. दुष्कर्म जांच के लिए डॉक्टरों से स्लाइड भी बनवाई गई थी, जिस पर पीड़ित परिजनों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल खड़े करते हुए डीएम को प्रार्थना पत्र देकर लखनऊ फारेंसिक एक्सपर्ट से दोबारा पोस्टमार्टम करवाए जाने की मांग उठाई थी.
पोस्टमार्टम मामले को लेकर मंगलवार सुबह पीड़िता के परिजन के आवास पर एसपी मिलने पहुंच गए. एसपी दिनेश त्रिपाठी ने परिजनों से कहा कि डीएम की अनुमति मिल गई. इसके बाद उन्होंने दफनाए गए शव को दोबारा खुदवा कर मंगलवार शाम पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया, जहां लखनऊ से आई फॉरेंसिंक एक्सपर्ट व डॉक्टरों की टीम की देखरेख में दोबारा शव का पोस्टमार्टम करवाया गया है. पोस्टमार्टम के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट विजेता, एएसपी शशि शेखर सिंह, सीएमओ डॉ. सत्य प्रकाश के अलावा परिजन और भारी फोर्स मौजूद रही.
डीजी हेल्थ की टीम ने किया पोस्टमार्टम
युवती के शव का दोबारा पोस्टमार्टम करवाए जाने के लिए लखनऊ डीजी हेल्थ से टीम गठित की गई, जिसमें लखनऊ के फॉरेंसिक एक्सपर्ट मौजूद रहे. टीम के अध्यक्ष अपर निदेशक/स्टेट मेडिको लीगल एक्सपर्ट डॉ. गयासुद्दीन खान और सदस्य फारेंसिक मेडिसिन एमडी डॉ. कीर्ति वर्धन, लखनऊ सिविल अस्पताल डॉ. एसपी एम और फॉरेंसिक मेडिसिन एमडी डॉ. कंचन यादव सीएचसी मौरावां मौजूद रहे. डॉ. गयासुद्दीन के मुताबिक सेक्सुअल असेस्मेंट से संबंधित सभी नमूने एकत्र किए गए है. रिपोर्ट डीजी हेल्थ को भेजी जाएगी. उसके बाद स्वास्थ्य निदेशालय से जिले के अधिकारियों को भेजी जाएगी.
पहले भी हुआ था पोस्टमॉर्टम
पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में करीब 45 दिनों पहले युवती की हत्या होना बताया गया था. परिजन इसी बात को लेकर अड़े हुए हैं कि जब आठ दिसंबर को वह लापता हुई तो रिपोर्ट में 45 दिन पहले हत्या होना कैसे दिखाया जा रहा है? जबकि रिपोर्ट में अनुमानित दिनों का जिक्र किया गया था. उधर, दुष्कर्म की जांच के लिए डॉक्टरों से स्लाइड भी बनवाई गई है. पीड़ित परिजन समय सीमा व दुष्कर्म मामले को लेकर दोबारा पोस्टमार्टम की बात पर अड़े थे.