बांदा में 1090 हेक्टेयर रकबे पर खेती का लक्ष्य, सिंचाई व्यवस्था और रखवाली किसानों की सबसे बड़ी मुसीबत
उत्तर प्रदेश के बांदा दलहन और तिलहन वाली फसलों की कटाई मड़ाई के साथ गर्मी में पैदा होने वाली फसलों की किसानी शुरू हो गई है. कृषि विभाग द्वारा एक साल जायद के लिए 1090 हेक्टेयर रकबे में बुवाई का लक्ष्य रखा गया है. जो पिछले की वर्ष की तुलना में अधिक है. खरीफ और रबी की तुलना में देखें तो जायद का रकबा काफी कम है.
जिले का मुख्य व्यवसाय कृषि
बांदा (Banda News) का मुख्य व्यवसाय कृषि है. लाखों किसानों का गुजर बसर खेती से चलता है. यहां मुख्य रूप से रवि और खरीफ की फसलें पैदा होती हैं. साथ ही मौसम में जायद वाली फसलें बोई जाती हैं. इस समय चना, मटर, मसूर, राई, सरसों, अलसी वाली रबी फसलों की कटाई एवं मड़ाई का काम शुरू हो गया है. कृषि विभाग के मुताबिक इस वर्ष इसके लिए 1090 हेक्टेयर भूमि में बुवाई का लक्ष्य मिला है.
1090 हेक्टेयर बुवाई का लक्ष्य
बांदा में फसलों का रकबा, सब्जियों के लिए 873 हेक्टेयर का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. इस बात की पुष्टि करते हुए बुंदेलखंड किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष विमल शर्मा ने बताया कि हरा चारा के लिए हम 160 हेक्टेयर का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. मूंग दाल के लिए 56 हेक्टेयर का लक्ष्य, उरद के लिए एक हेक्टेयर. इसका मतलब हम कुल 1090 हेक्टेयर भूमि में फसलों की बुवाई का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं.
75 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य पूरा
जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर प्रमोद कुमार ने बताया कि इस वर्ष जायद के लक्ष्य में बढ़ोतरी हुई है. लक्ष्य के अनुरूप अब तक लगभग 75 प्रतिशत से अधिक की पूर्ति हो चुकी है. उम्मीद है कि इस साल जायद फसलों की पैदावार अच्छी रहेगी. प्रमोद कुमार ने बताया की सिंचाई और फसलों की रखवाली प्रमुख समस्या है. क्योंकि बुंदेलखंड एरिया में अन्ना प्रथा बहुत तेजी से हावी है. आप कुछ भी खेत में बीज डालेंगे और वह छोटा-छोटा उगेगा. अन्ना जानवर एक रात में सब खा जाएंगे. बांदा जिले के अधिकांश क्षेत्रों में किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या सिंचाई व्यवस्था और रखवाली है. क्योंकि यह एरिया काफी गर्म है. पानी की भीषण किल्लत है. अन्ना प्रथा के चलते अपने खेतों की रक्षा करना लोहे के चने चबाना है. किसान रामेश्वर का कहना है कि इन समस्याओं के चलते रबी और खरीफ की तुलना में जायद का रकबा कम रहता है.
928 हेक्टेयर में बुवाई का दावा
इस वर्ष जायद के लिए जिले में 1090 हेक्टेयर रकबा सब्जी, उरद, हरा चारे की बुवाई का लक्ष्य मिला है. कृषि विभाग के मुताबिक अब तक928 हेक्टेयर रक़बे में बुवाई हो चुकी है. जिसमें सबसे ज्यादा 789 हेक्टेयर रकबे में सब्जी बोई गई है.