
बहराइच। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गायघाट का मामला है। जहां पर तैनात स्टाफ नर्स प्रतिभा द्वारा प्रति प्रसव पर एक हजार रुपये से लेकर 3 हजार रुपये तक की धन उगाही करने के पश्चात ही स्वास्थ्य केंद्र से प्रसव पीड़िता को छुट्टी दी जाती है। हालांकि मक्का पुरवा निवासी एक महिला की पीड़ा का बखान प्रभारी चिकित्सा अधिकारी अमवा हुसैनपुर को लिखे पत्र में ग्राम प्रधान गायघाट कमर जहां ने बताया कि, स्टाफ नर्स की कार्यशैली से हमारे क्षेत्र के ग्रामवासी आहत हैं। क्योंकि मेरा क्षेत्र काफी बड़ा है। आए दिन प्रसव से संबंधित सेवाएं क्षेत्रीय लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेनी पड़ती है। धन के अभाव में बहुत सारे लोगों को अपने जेवरों को बेंच कर तरह-तरह की कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार गरीबों के उत्थान के लिए कटिबद्ध है। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के लोगों पर अपना शिकंजा भी कस रही है प्रदेश का कोई नागरिक अस्वस्थ न रहे ऐसी सरकार की मंशा भी है।लेकिन उसके विपरीत महिला स्वास्थ कर्मी द्वारा धन उगाही करने के कारण क्षेत्रीय जन मानस में काफी आक्रोश व्याप्त है। महिला प्रधान द्वारा इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर उचित कार्यवाही की बात की गई है। इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी अमवा हुसैनपुर से दूरभाष पर जब संवाददाता ने उनसे पूछा कि इस प्रकरण के संबंध में अभी तक आपने क्या कार्यवाही की, तो उन्होंने बताया कि उपरोक्त नर्स से 3 दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके पश्चात उनका स्थानांतरण गायघाट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से अत्यंत कर दिया जाएगा।