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लखनऊ के पॉश इलाकों, रूमी गेट से लेकर पार्कों में मिल रहे दुनिया के सबसे जहरीले सांप

वैसे तो देश-दुनिया में सांपों की तीन से चार हजार प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें भारत में पाई जाने वाली 300 से 350 प्रजातियां हैं। इन प्रजातियों में सबसे बिषैले सांपों की श्रेणी में तीन प्रकार के सांप आते हैं। यह विषैले लखनऊ के मैदानी, आवासीय और पार्को में अक्सर पाए जाते हैं। क्योंकि विषैली प्रजाति के सांपों के लिए लखनऊ का वातावरण पहाड़ी क्षेत्रों के मुकाबले बेहतर माना जाता है। इनमें रसेल वाईपर, चश्मे वाला कोबरा और कॉमन क्रेट प्रजाति के सांप हैं। इनमें सबसे ज्यादा विष होता है।

लखनऊ में सांपों को रेस्क्यू करने वाले आदित्य तिवारी बताते है कि विषैले प्रजाति के सांपों में सबसे ज्यादा विषैला रसेल वाईपर है। लखनऊ में अभी तक रूमी गेट, जनेश्वर मिश्र पार्क और शहर के मैदानी इलाकों से ऐसे प्रजातियों के सांप रेस्क्यू किए गए जा चुके हैं। यह सांप भारतीय सांपों में सबसे अधिक खतरनाक और जहरीला होता है। यह जीव वन संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत रखा जाता है। लखनऊ ही नहीं प्रदेश भर में विषैले सांपों के लिए अच्छा वातावरण पाया जाता है। यहां का वातावरण पहाड़ी क्षेत्र की तुलना में विषैले सांपों के लिए ज्यादा अनुकूल है। क्योंकि यहां पर गर्म, सर्द और बारिश तीन मौसम विषैले प्रजाति के सांपों के बेहतर माने जाते है।

लखनऊ जू में छह प्रजाति के 52 सांप मौजूद

लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में छह प्रजाति के सांप मौजूद हैं। इन प्रजातियों में 52 तरह के सांप संगहालय में रखे गए हैं। इनमें रसेल वाइपर से लेकर रेड सैंड बोआ प्रजाति के सांप दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। प्राणी उद्यान की निदेशक अदिति शर्मा ने बताती है कि अक्सर विषैले सांप को रेस्क्यू करने के बाद सेंटर लाया जाता है। इसलिए सांपों के शीशे के बने संग्रहालय में पानी में पाए जाने वाले सांपों की आधा दर्जन से अधिक प्रजातियां दर्शकों को आर्कषित करती हैं।

कुकरैल में सांपों की 10 प्रजाति, चार विषैले प्रवृति के

पिकनिक स्पॉट स्थित कुकरैल के घड़ियाल प्रजनन केंद्र में 10 प्रजाति के सांप पल रहे हैं। इनमें छह प्रजाति के सांप विषैले प्रवृति के कोबरा, करैत, घणिस, बिल्ली प्रजाति के सांप है। बाकी सांपों की छह प्रजातियां विषहीन है। इनमें दो मुहां सांप, पानी वाला सांप, नाग, अजगर, धामिन, मिट्टी वाला सांप शामिल हैं। वहीं कुकरैल के संग्रहालय में दर्शकों में सांपों के प्रजातियों में सबसे पहली पंसद दो मुहां और बिल्ली प्रजाति के सांप हैं।

इस समय निकलता है सांप, यह सावधानी बरतें

  • बिल से सांप निकलने का समय शाम से रात व सुबह तक ही निकलता हैं
  • आवासीय इलाकों में सीवर लाइन नहीं है तो नलियों में जाली लगाकर रखें
  • घर में आने से रोकने के लिए दरवारे के नीचे का हिस्सा पूरा बंद करके रखें

सांप निकले तो घबराए नहीं, फोन मिलाएं

बरसात के मौसम में अक्सर सांप बिल से निकलकर बाहर आ जाते है। ऐसी स्थिति में यदि आपके आसपास या घर में सांप निकला है तो घबराएं नहीं, बस आप 100 या 101 पर कॉल करके वन विभाग से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा जू प्रशासन की ओर से पर्यावरणम् सोसाइटी को भी सांप रेस्क्यू करने के लिए 8090667166 पर फोन करके संपर्क कर सकते है।

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