यूपी बोर्ड को बदनाम करने की थी साजिश, जांच कमेटी ने सभी तथ्य जुटाने के बाद निकाला निष्कर्ष

लखनऊ। यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान आगरा अतर सिंह इंटर कॉलेज में प्रश्नपत्र की फोटो वायरल किए जाने के मामले में शिक्षा विभाग की जांच कमेटी भी अपने निष्कर्ष पर पहुंच गई है। जांच कमेटी ने पाया कि एक षडयंत्र के साथ यूपी बोर्ड को बदनाम करने की साजिश रची गई थी।
इसमें कोई बाहरी गैंग सक्रिय नहीं था। प्रश्नपत्र की फोटो को वायरल किए जाने के मुख्य आरोपी केन्द्र व्यवस्थापक बने प्रिंसिपल के बेटे विनय चौधरी की गिरफ्तारी के बाद बोर्ड के अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। आरोपी ने माना भी है कि उसने खुद से पेपर की फोटो खींचकर वायरल किया था।
यूपी बोर्ड की परीक्षा में इंटरमीडिएट गणित और जीव विज्ञान के प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के मामले में पुलिस की जांच के अलावा भी शिक्षा विभाग ने एक जांच कमेटी बनाई थी, जिस पर कमेटी ने पाया कि बोर्ड को बदनाम करने की साजिश थी।
निदेशक ने दिया ये तर्क
अमृत विचार से बातचीत करते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने बताया कि पेपर की फोटो को स्कूल के ग्रुप पर वायरल किया था। ऐसे में कुछ चुनिंदा लोगों को पास कराने की साजिश नहीं कह सकते हैं। निदेशक ने कहा कि पुलिस भी अपनी जांच कर रही है, लेकिन विभाग की ओर से गठित टीम ने अब पाया है कोई इसमें बाहरी गैंग सक्रिय नहीं नही था। जिसके बाद कॉलेज की मान्यता भी समाप्त कर दी गई है। निदेशक ने कहा विभागीय जांच कमेटी ने भी जांच स्थगित कर दी है।