कानपुर में तीसरी बड़ी साजिश; कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की थी तैयारी, रेलवे ट्रैक पर रखा गैस सिलेंडर, IB व ATS ने शुरू की जांच
कानपुर: यूपी के कानपुर जिले में एक बार फिर से ट्रेन को पलटाने की साजिश रची गई थी. लेकिन, बड़ा हादसा होने से बच गया और अराजकतत्वों के मनसूबे एक बार फिर से फेल हो गए. इस बार कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को पलटाने की साजिश थी. इसके लिए अराजकतत्वों ने शिवराजपुर में रविवार की रात अनवरगंज-कासगंज रूट पर रेलवे पटरी पर गैस सिलेंडर रख दिया. गैस सिलेंडर से ट्रेन टकरा गई, जिससे तेज धमाका हुआ. यात्री समेत आसपास के लोग सहम गए. चालक ने मौके पर ही ट्रेन रोक दी.
जानकारी मिलते ही रेलवे के तमाम अफसरों समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने पटरी से कुछ दूरी पर सिलेंडर के अवशेष और पेट्रोल से भरी बोतल समेत अन्य संदिग्ध चीजें बरामद की हैं. पुलिस के अनुसार ट्रेन पलटाने की साजिश के तहत सिलेंडर को रेलवे लाइन पर रखा गया था. सरजापुर थाना क्षेत्र में रविवार की रात करीब 8:30 बजे कानपुर से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस (14117) अनवरगंज-कासगंज रूट से गुजर रही थी.
इस दौरान ट्रेन ने जैसे ही मुंडेरी क्रॉसिंग को पार किया, उसी दौरान पटरी पर रखा एक एलपीजी सिलेंडर ट्रेन से टकरा गया. इससे तेज धमाका हुआ. लोको पायलट ने ट्रेन को तुरंत वहीं पर रोक दिया. मामले में शिवराजपुर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. कुछ संदिग्ध भी हिरासत में लिए गए हैं. पुलिस कमिश्नर ने जांच के लिए 6 टीमों का गठन किया है. आईबी और एटीएस ने भी कानपुर में डेरा डाल दिया है.
इसके बाद इसकी जानकारी रेलवे के अफसरों को दी. कुछ ही देर में रेलवे के तमाम अफसरों समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई. मौके की जांच-पड़ताल की गई. पुलिस के अधिकारी भी पहुंच गए. डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह ने घटनास्थल के आसपास का निरीक्षण शुरू किया तो कुछ दूरी पर उन्हें एक एलपीजी सिलेंडर, माचिस और पेट्रोल से भरी बोतल मिली, पुलिस ने फॉरेंसिक टीम की मदद से इन सभी चीजों को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेज दिया.
आधे घंटे तक खड़ी रही कालिंदी एक्सप्रेस: हादसे के बाद करीब आधे घंटे तक ट्रेन खड़ी रही. इसके अलावा लखनऊ से बांद्रा टर्मिनस के लिए जा रही लखनऊ-बांद्रा एक्सप्रेस को भी बिल्हौर स्टेशन पर ही रोक दिया गया.
ट्रेन की धीमी स्पीड ने रोक लिया बड़ा हादसा: इज्जत नगर मंडल के अफसर राजेंद्र सिंह ने बताया कि आरपीएफ ने रेलवे ट्रैक पर रखा सिलेंडर बरामद कर लिया है. ट्रेन से टकराने पर सिलेंडर का ऊपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. ट्रेन की स्पीड तेज होती तो सिलेंडर में विस्फोट हो सकता था. कन्नौज की रेलवे पुलिस भी घटना स्थल की जांच कर रही है.
चालक ने सिलेंडर देखकर लगाए इमरजेंसी ब्रेक: ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर हरीश चंदर ने बताया कि रेलवे के कर्मचारियों से सूचना मिली थी कि एक ट्रेन जो प्रयागराज से भिवानी की तरफ जाती है, रूट से गुजर रही थी. इस दौरान चालक को लाइन पर एक सिलेंडर दिखा. चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाए लेकिन, फिर भी ट्रेन सिलेंडर से टकरा गई. रेलवे के कर्मचारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया. पुलिस ने घटना स्थल से सिलेंडर और संदिग्ध चीजें बरामद की हैं. फॉरेंसिक टीम की मदद से पुलिस द्वारा जांच पड़ताल की गई है. पुलिस सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच-पड़ताल कर रही है.
एक महीने में तीसरी बड़ी साजिश: कानपुर शहर में पिछले एक माह के अंदर विभिन्न रेल रूटों पर ट्रेन को पलटाने की साजिश की तीन अलग-अलग घटनाओं ने पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की नींद उड़ा दी है. 17 अगस्त को कानपुर में गुजैनी से भीमसेन के बीच झांसी अपलाइन रुट पर साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हुई थी, जिसमें ट्रेन के 20 डिब्बे पटरी से उतर गए थे.
इसके बाद 5 सितंबर को गुजैनी पुल से ही ट्रैक पर एक ट्रक गिरता है, जिसके चलते आठ ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता है. ऐसे में अब पुलिस के साथ ही खुफिया विभाग के अफसरों को ठोस आशंका है कि कानपुर में ट्रेन को पलटाने की साजिश रचने की योजनाएं लगातार बन रही हैं. वहीं, हद तो तब हो गई जब शिवराजपुर में कमिश्नरेट के आला अफसरों को ट्रैक पर सिलेंडर के अलावा माचिस व पेट्रोल भी मिला.
अभी तक नहीं आ सकी साबरमती एक्सप्रेस के डिरेल होने की रिपोर्ट: कुछ दिन पहले जब गुजैनी से भीमसेन के बीच साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हुई थी। तब उस मामले में जहां लखनऊ से फॉरेंसिक टीम के सदस्य मौके पर जांच करने आए थे, तो वहीं यह चर्चा भी जोरों पर थी कि एनआईए के अफसर भी ट्रैक को चेक करके गए हैं. आईबी के भी आला अफसरों ने इस मामले का संज्ञान लिया था.
मगर, अभी तक किसी तरह की फाइनल रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है. सभी ने यह जरूर माना कि ट्रैक पर जो भारी बोल्डर रखा गया था वह किसी न किसी साजिश के चलते रखा गया. रेलवे के अफसरों ने यात्रियों से लेकर झांसी और कानपुर में कर्मियों के बयान दर्ज कराए. हालांकि, सारी कवायद केवल फाइलों तक सीमित होकर रह गई. अब सोमवार से अफसरों को शिवराजपुर वाले मामले की फाइल तैयार करने का मौका मिल गया है.