खूनी हाइवे-34 में आठ सालों में हजारों लोग हादसे में गवां चुके हैं जान
- हाइवे पर सालों पहले बनाए गए स्पीड ब्रेकर भी हो गए लापता
- हाइवे में मरम्मत होने के बाद भी नहीं खींची गई सफेद लाइनें
हमीरपुर। हाईवे में आए दिन हो रहे खूनी हादसों के बाद हुए प्रदर्शनों को मद्देनजर रखकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने मुख्यालय से लेकर गहबरा चौकी तक पड़ने वाले गांव व कस्बों में हादसे रोकने के लिए स्पीड ब्रेकर बनाए थे। विगत दिवस इनको सभी जगहों से हटा दिया गया है।
इनके हटने से अब एक बार फिर से हादसे बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। नेशनल हाईवे 34 की पहचान खूनी हाईवे के रूप में है। वर्ष 2014 में बनकर तैयार हुए इस हाईवे में आठ वर्षों में हजारों लोग जान गवा बैठे हैं। कुछेछा से लेकर गहबरा चौकी तक हाईवे को एक्सीडेंट का डेंजर जोन माना जाता है। पिछले आठ वर्षों में इस क्षेत्र में तमाम ऐसे हादसे हुए हैं। जिनको लोग आज तक नहीं भूले हैं।
हादसे बढ़ने के बाद हुए प्रदर्शनों के मद्देनजर रखकर मुख्यालय से लेकर गहबरा चौकी तक पड़ने वाले कस्बों एवं गांवों में स्पीड ब्रेकर बनाए गए थे। जिनको इसी माह से हाईवे का रखरखाव कर रही पीएनसी ने हटा दिए है। इससे हादसे बढ़ने का खतरा एक फिर से मंडराने लगा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रेट्रोलिंग ऑफिसर ललित सिंह ने बताया कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर इनको हटाकर नॉर्मल तरीके के ब्रेकर बनाए गए हैं। ताकि तेज रफ्तार से गुजरने वाले वाहन उछल न सके।
मुख्यमंत्री के आदेशानुसार नहीं बन रहे है स्पीड ब्रेकर
मुख्यमंत्री सड़क सुरक्षा के तहत सड़कों पर टेबल टाइप स्पीड ब्रेकर बनाए जाने के निर्देश दिए थे। लेकिन अभी तक किसी भी मार्ग व हाइवे पर इस तरह के ब्रेकर नहीं बनाए जा रहे हैं। जिससे अभी भी आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। हाईवे में भी खड़े स्पीड ब्रेकरों को हटाकर नए सिरे से जो बनाए जा रहे हैं। उनमें भी मुख्यमंत्री के आदेशानुसार ब्रेकर नहीं बनाए जा रहे हैं। इससे दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहेगी।
हाइवे में नहीं बनी लाइन पट्टिका
सड़क सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रही पीएनसी कंपनी कहीं ना कहीं हाईवे पर लापरवाही दिखा रही है। जिसके तहत आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। हाईवे में मरम्मत होने के बाद सफेद पट्टी की लाइनें खींची जानी है। जिसमें अभी तक नारायनपुर से लेकर कुछेछा तक नहीं खींची गई हैं। जिससे रात के अंधेरे में वाहन चालकों को बड़ी समस्याएं आती हैं और कई बार लाइनों की ना होने की वजह से दुर्घटनाएं भी हो रही है। लेकिन जिम्मेदार पीएनसी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।