लखनऊ चिडियाघर में बाघिन कजरी की मौत
लखनऊ। पीलीभीत टाइगर रिर्जव से मादा बाघिन कजरी को रेस्क्यू करके नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान लखनऊ लाया गया था। पिछले दो दिनों से बाघिन ने घूमना-फिरना छोड़ दिया था तथा भोजन करना भी छोड़ दिया था। रविवार को वृद्ध बाघिन ने प्राणि उद्यान के वन्य जीव चिकित्सालय में अन्तिम सांस ली। मृत्यु समय बाघिन की उम्र लगभग 19 वर्ष अनुमानित की गयी है। पशु चिकित्सकों के पैनल द्वारा वृद्ध बाघिन का शव विच्छेदन किया जायेगा।
प्राणि उद्यान के निदेशक डॉ वी.के. मिश्र ने बताया कि रेस्क्यू करते समय शारीरिक रूप से अत्यन्त वृद्ध इस बाघिन की स्वास्थ्य स्थिति अत्यन्त गंभीर थी। प्राणि उद्यान के वन्य जीव चिकित्सकों तथा कीपरों द्वारा लम्बे समय तक सघन चिकित्सा तथा अतिरिक्त देखभाल के कारण ये बाघिन किसी प्रकार जीवित बच पायी थी। बाघिन की आयु एवं स्वास्थ्य स्थिति तथा क्षीण शारीरिक दशा को देखते हुए इसे प्राणि उद्यान स्थित वन्यजीव चिकित्सालय के वार्ड में ही रखा गया था। इस बाघिन के दांत बिल्कुल घिस चुके थे तथा आंखों से बिलकुल दिखाई नहीं देता था। बाघिन कमजोर हो चुकी थी।