डिंपल यादव को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले चाचा शिवपाल ने बेटे आदित्य संग बदला ट्विटर प्रोफाइल
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव वापस सपा में लौट आए हैं। ऐसा तब हुआ जब मैनपुरी लोकसभा सीट पर डिंपल यादव को ऐतिहासिक बढ़त मिली। सैफई में चाचा भतीजा एक साथ नजर आए और ऐलान हुआ कि प्रसपा का समाजवादी पार्टी में विलय हो गया है। जिसके बाद शिवपाल यादव ने सपा का झंडा स्वीकार किया। इसके साथ ही उन्होंने ट्विटर पर अपनी प्रोफाइल बदली। अध्यक्ष प्रसपा से नेता समजावादी पार्टी लिखा। उनके अलावा बेटे आदित्य यादव ने भी ट्विटर पर प्रोफाइल बदलते हुए प्रसपा नेता से समाजवादी पार्टी नेता लिख दिया है।
नेताजी का जलवा कायम है और आगे भी रहेगा
प्रसपा का सपा में विलय होने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शिवपाल यादव की गाड़ी पर से प्रसपा का झंडा हटाकर सपा का झंडा लगा दिया। इस दौरान उनके समर्थकों ने कहा कि अब भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। चाचा और भतीजा के एक साथ आने से हो सकता है कि साल 2027 से पहले ही प्रदेश से भाजपा का सफाया हो जाए। शिवपाल ने कहा कि अब भी नेताजी का जलवा कायम है और कायम रहेगा। मैनपुरी जीत पर शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि जितने भी मंत्री प्रचार करने आए। उन्होंने पहले अधिकारियों से वोट मांगे। सपाइयों पर मुकदमे दर्ज कराए, उत्पीड़न किया। इसके बाद भी जनता ने नेता जी के नाम पर और उनके कराए गए कामों पर वोट करके हमें जीत दिलाई।
शिवपाल यादव ने मतदाताओं को दिया धन्यवाद
दूसरी ओर शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट कर मतदाताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा कि मैनपुरी संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं से मिले आशीर्वाद,स्नेह और अपार जनसमर्थन के लिए हृदय से आभार। जसवंतनगर की सम्मानित जनता द्वारा श्रीमती डंपल यादव जी को दिए गए आशीवार्द के सहृदय धन्यवाद। ज्ञात हो कि 2016 में अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच नाराजगी सामने आई थी। इसके बाद 2018 में शिवपाल यादव की ओर से प्रसपा का गठन किया गया था। हालांकि 2022 मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में मिली बढ़त के बाद प्रसपा का सपा में विलय हो गया है।