उत्तर प्रदेशलखनऊ

हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में विकास के लिए उप्र में असीमित सम्भावनाएं: मुख्यमंत्री

  • -ऋषियों की तपोस्थली नैमिषारण्य के समग्र विकास के लिए योगी ने दिए निर्देश
  • -गोरखपुर में स्थापित होगा गौरव संग्रहालय, चौरी-चौरा का होगा समग्र विकास
  • -प्रयागराज में विकसित होगा नदी संग्रहालय
  • -मुख्यमंत्री ने की पर्यटन विभाग के कार्यों की समीक्षा

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए रविवार को यहां कहा कि हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में विकास के लिए उत्तर प्रदेश में असीमित सम्भावनाएं हैं। कैरियर के बेहतरीन अवसरों के कारण इस क्षेत्र में युवाओं की रुचि बहुत है। योगी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जनपद गोरखपुर में 06 एकड़ के विशाल परिसर में स्टेट होटल प्रबंधन संस्थान की स्थापना कराए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए भूमि का चयन किया जा चुका है। यहां होटल प्रबंधन के विभिन्न उपयोगी पाठ्यक्रमों के साथ-साथ फ़ूड क्राफ्ट के आधुनिक पाठ्यक्रम भी संचालित करने की योजना बनायी जाए। संस्थान की स्थापना के सम्बम्ध में कार्यवाही तेज की जाए।

पर्यटन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय स्वाधीनता आंदोलन को नवीन दिशा देने वाले चौरी-चौरा जनांदोलन की पुण्य भूमि के समग्र विकास के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए। यहां शहीद हुए सेनानियों के चित्र-प्रतिमा की स्थापना की जाए। सभी 75 जिलों के ओडीओपी उत्पादों के स्थायी स्टॉल भी यहां स्थापित किये जायें।

उन्होंने कहा कि भित्ति चित्रों के माध्यम से इस क्षेत्र को और आकर्षक बनाया जाए। इन प्रयासों से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का सृजन भी होगा और नई पीढ़ी अपने गौरवशाली इतिहास से परिचित भी हो सकेगी। कार्ययोजना तैयार करते समय इसकी सस्टेनिबिलिटी को लेकर भी विचार किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रामायण तथा बौद्ध परिपथ के हृदय स्थल पर अवस्थित गोरखपुर का इतिहास गौरवशाली रहा है। यहां की विशिष्ट गौरवशाली परंपरा है। नई पीढ़ी को इस गौरवशाली परंपरा से सुपरिचित कराने के लिए यहां गौरव संग्रहालय की स्थापना यथाशीघ्र करायी जाए। नाथ पंथ, बौद्ध धर्म, जैन सम्प्रदाय की विविधताओं एवं परम्पराओं को यहां दर्शाया जाए। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय ऐसा हो, कि यदि किसी शोधार्थी को भारत, उत्तर प्रदेश तथा गोरखपुर व आसपास के पौराणिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक इतिहास की जानकारी चाहिए तो वह गोरखपुर गौरव संग्रहालय की ओर अभिमुख हो। अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल, शहीद बन्धु सिंह सहित सभी अमर सेनानियों के चित्र होने चाहिए। संग्रहालय की कार्ययोजना तैयार करते समय स्थानीय इतिहास का समग्रता से अध्ययन कर लिया जाना उचित होगा।

योगी ने कहा कि गौरव संग्रहालय में गोरखपुर का इतिहास, आजादी की लड़ाई में गोरखपुर का योगदान, गोरखपुर के विकास में नाथ पंथ की भूमिका, गोरखनाथ मंदिर का खिचड़ी मेला, गोरखपुर और आस-पास के क्षेत्र के प्रमुख त्योहार और उन्हें मनाने की विशिष्ट परंपरा, गोरखपुर का समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास, प्राचीन धरोहर, क्षेत्रीय कलाकृतियां आदि की जानकारी प्रदर्शनी और डिजिटल दोनों माध्यमों से दी जाए। गोरखपुर का गौरव दिखाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग किया जाए। संग्रहालय में एक लघु प्रेक्षागृह, योग व ध्यान कक्ष, कैफेटेरिया, डारमेट्री, कॉन्फ्रेंस हाल, पार्किंग, सोविनियर शॉप का विकास भी कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद अमेठी में बाबा गोरखनाथ की तपोस्थली और उनके अनन्य भक्त मलिक मोहम्मद जायसी की जन्मभूमि जायस का सौंदर्यीकरण और पर्यटन विकास किया जाना आवश्यक है। यहां बाबा बैठक क्षेत्र जन आस्था का केंद्र है। यहां मीठे पानी का अति प्राचीन कुआं है। इन सबका संरक्षण किया जाए। यह पुण्य भूमि आध्यात्मिक शांति के अपूर्व परिसर के रूप में विकसित किया जाए। तपोस्थली के निकट के ताल को अमृत सरोवर के रूप में संरक्षित करते हुए ताल के चारों ओर मनोरंजन का आकर्षक केंद्र बनाया जाए। जायस में पर्यटकों की सुविधाओं और जरूरतों के दृष्टिगत सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं।

उन्होंने कहा कि जनपद प्रयागराज में गंगा नदी पर ओल्ड कर्जन ब्रिज को गंगा गैलरी-हेरिटेज पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए। यहां भारत की नदी संस्कृति पर आधारित नदी संग्रहालय का विकास तथा पुल की रेलिंग को ऊंचा किया जाए। यह आकर्षण के बड़ा केंद्र बन सकता है। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 88,000 ऋषियों की तपोस्थली नैमिषारण्य के समग्र विकास के लिए सरकार संकल्पित है। यह हमारे वैदिक मंथन का अहम केंद्र है। इस पवित्र आध्यात्मिक क्षेत्र को श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा की दृष्टि से विकसित किया जाए। यहां के सभी कुण्डों में सभी माह स्वच्छ जल की उपलब्धता रहे। चक्रतीर्थ के जीर्णोद्धार की जरूरत है। दधीचि कुण्ड की ओर का मार्ग अभी संकरा है। मां ललिता देवी मंदिर का सुंदरीकरण कराया जाए।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नैमिषधाम के 05, 14 और 84 कोसी परिक्रमा पथ का विकास किया जाए। पर्यटन विकास व सुंदरीकरण के कार्यों के लिए आवश्यकतानुसार भूमि अधिग्रहण भी किया जाए। यहां पर सुविधाजनक यात्री निवास, प्रकाश तथा पार्किंग की बेहतर सुविधा दी जाए। साथ ही, सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम किये जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि नैमिषधाम में पर्यटन विकास के लिए पर्यटन, नगर विकास, पीडब्ल्यूडी तथा सिंचाई विभाग मिलकर पर्यटन विकास की ठोस कार्ययोजना तैयार करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नैमिषधाम में दक्षिण भारत से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में लखनऊ-नैमिषधाम हेलीपोर्ट सेवा शुरू करने पर विचार किया जाए। साथ ही, पीपीपी मोड पर इलेक्ट्रिक बसों का संचालन भी कराया जाए। पर्यटन विभाग द्वारा नैमिषधाम के लिए सुविधाजनक पर्यटन पैकेज तैयार किए जाएं। मिश्रिख नगर पालिका परिषद के सीमा विस्तार की कार्ययोजना तैयार की जाए।

Zee NewsTimes

Founded in 2018, Zee News Times has quickly emerged as a leading news source based in Lucknow, Uttar Pradesh. Our mission is to inspire, educate, and outfit our readers for a lifetime of adventure and stewardship, reflecting our commitment to providing comprehensive and reliable news coverage.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button