UP Election 2022: यूपी में छठे चरण का चुनाव प्रचार थमा, अब 3 मार्च को 57 सीटों पर 676 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के छठे चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार थम चुका है. अब तीन मार्च को मतदाता उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. छठे चरण में 10 जिलों की 57 सीटों पर मतदान होगा. इस चरण में सीएम योगी की सीट और जिले गोरखपुर में भी मतदान होना है. इसके अलावा बीजेपी से एसपी में आए स्वामी प्रसाद मौर्य की सीट फाजिलनगर में वोटिंग होगी.
इन दोनों सीटों पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी. प्रचार के थमने के साथ ही अब इन जिलों की सीमाएं सील कर दी जाएंगी और चौकसी भी बढ़ा दी जाएगी. यूपी में अब केवल छठे और सातवें चरणों का मतदान बचा हुआ है. इसके बाद 10 मार्च को यूपी विधानसभा चुनावों के नतीजों की घोषणा होगी.
10 जिलों की 57 सीटों पर कुल 676 प्रत्याशी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छठे चरण में 10 जिलों की 57 सीटों पर कुल 676 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. जिन जिलों में वोटिंग होगी उनमें प्रमुख रूप से बलिया, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, महाराजगंज, अंबेडकरनगर, बलरामपुर, देवरिया, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर शामिल हैं. पिछली बार यानी 2017 में इन 57 सीटों में से 46 सीटें बीजेपी और दो सीटें उसके सहयोगी दलों अपना दल और सुभासपा ने जीती थीं. तब सुभासपा और बीजेपी का गठबंधन था. इस बार सुभासपा और समाजवादी पार्टी (एसपी) का गठबंधन है. छठें चरण में 11 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. इस चरण में कुल 2,14,62,816 (दो करोड़ चौदह लाख बासठ हजार आठ सौ सोलह) मतदाता हैं. इसमें 1,14,63,113 पुरुष, 99,98,383 महिला व 1320 थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल हैं.
अब तक 292 सीटों पर मतदान हो चुका है
छठें चरण में 11 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. इस चरण में 2.14 करोड़ मतदाता हैं. बता दें, उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटें हैं और आयोग ने यहां सात चरणों में मतदान कराने की घोषणा की है. अब तक पांच चरणों में 292 सीटों पर मतदान हो चुका है और आखिरी दो चरणों में तीन मार्च और सात मार्च को 111 सीटों पर मतदान होना बाकी है.
जेपी नड्डा का अखिलेश यादव पर निशाना
कुशीनगर में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि क्या आपको याद है कि अखिलेश ने कहा था कि टीका मत लगवाओ? उन्होंने कहा था कि वैक्सीन से दिक्कत होगी. फिर वह चुपचाप टीकाकरण के लिए चले गए. वह इसे मोदी टीका और बीजेपी का टीका कहते थे. छठे चरण के चुनाव के दिन जनता इन्हें आखिरी खुराक देगी.