
- 450 अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी वाले कंबाइन हार्वेस्टर से बदलेंगे हालात
- 15 जिलों में 26 महिलाओं ने संभाली कमान
- राज्यभर में तकनीकी कृषि को मिलेगा बढ़ावा
- किसानों को वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम
- किसानों को दी जा रही टेक्निकल जानकारी
- आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के जरिए नए प्रयोग
- फसल उत्पादन में होगी वृद्धि, किसानों की कमाई बढ़ाने की तैयारी
- योगी सरकार में महिलाओं ने संभाली खेती किसानी की कमान
- लखनऊ, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, रायबरेली, सीतापुर, हरदोई समेत तमाम जिलों में मिलेगी राहत
- फसलों की क्षति कम होगी, कटाई में होने वाली अतिरिक्त मेहनत से मिलेगी राहत
लखनऊ। प्रदेश में तकनीक आधारित कृषि विकास की दिशा में लगातार नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में योगी सरकार के सहयोग से राज्य के 62 जिलों में 450 अत्याधुनिक कंबाइन हार्वेस्टर किसानों को उपलब्ध कराए गए हैं। इन आधुनिक यंत्रों से न केवल किसानों को फसल कटाई में होने वाली अतिरिक्त मेहनत से राहत मिलेगी, बल्कि फसलों की क्षति भी काफी हद तक कम होगी।
योगी सरकार का उद्देश्य पारंपरिक खेती को आधुनिक संसाधनों से जोड़ते हुए किसानों को विज्ञान व तकनीक आधारित कृषि पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। कंबाइन हार्वेस्टर जैसी मशीनें एक साथ कटाई, थ्रेशिंग और साफ-सफाई का काम करती हैं, जिससे न केवल समय की बचत होती है बल्कि उपज की गुणवत्ता और मात्रा में भी बढ़ोतरी होती है।
महिलाओं ने भी संभाली तकनीकी खेती की कमान
इस योजना में महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही है। राज्य के 15 जिलों में 26 महिला किसानों ने कंबाइन हार्वेस्टर जैसे आधुनिक यंत्रों की कमान संभाली है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। महिलाएं अब न केवल खेती कर रही हैं, बल्कि मशीनों के संचालन और प्रबंधन में भी दक्षता दिखा रही हैं। ये महिलाएं आत्मनिर्भर कृषक योजना, समन्वित कृषि विकास और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड जैसी सरकारी योजनाओं के तहत सशक्त बनी हैं।
महिला किसानों की भागीदारी वाले जिले
सिद्धार्थनगर, अमेठी, बस्ती, चित्रकूट, गोरखपुर, झांसी, कन्नौज, कानपुर नगर, कानपुर देहात, महाराजगंज, पीलीभीत, रामपुर, संत कबीर नगर, शाहजहांपुर और उन्नाव।
किसानों की आमदनी दोगुना करने का प्रयास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि प्रदेश के किसान आत्मनिर्भर बनें और उन्हें आधुनिक तकनीकों के जरिए कृषि कार्यों में दक्ष बनाया जाए। आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के माध्यम से किसानों को वित्तीय सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है। इस प्रयास से उत्तर प्रदेश में कृषि कार्यों में एक नई तकनीकी क्रांति की शुरूआत मानी जा रही है। इससे न केवल खेती आसान होगी बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति में भी व्यापक सुधार आने की संभावना है।
प्रदेश के 62 जिलों में इस तरह लिए गए कंबाइन हार्वेस्टर
बरेली 46, महाराजगंज 31, फतेहपुर 31, पीलीभीत 19, रामपुर 27, कानपुर देहात 8, अलीगढ़ 6, चंदौली 7, गाजीपुर 5, सिद्धार्थनगर 8, मिजार्पुर 2, फिरोजाबाद 6, एटा 6, झांसी 11, उन्नाव 16, गोरखपुर 10, मऊ 4, प्रतापगढ़ 10, संत कबीर नगर 18, अंबेडकरनगर 4, बुलंदशहर 2, मुरादाबाद 6, अयोध्या 1, बांदा 2, बाराबंकी 6, रायबरेली 7, बलिया 7, कानपुर नगर 8, हरदोई 16, कन्नौज 2, अमेठी 10, आजमगढ़ 4, वाराणसी 1, लखनऊ 3, शाहजहांपुर 15, सुल्तानपुर 7, चित्रकूट 4, लखीमपुर खीरी 15, कौशांबी 2, औरैया 3, जालौन 5, प्रयागराज 2, अमरोहा 1, मैनपुरी 9, गौतम बुद्ध नगर 1, मेरठ 2, इटावा 1, हाथरस 6, भदोही 1, जौनपुर 4, फरुर्खाबाद 1, मथुरा 3, सहारनपुर 3, बस्ती 4, देवरिया 4, हापुड़ 1, सीतापुर 1, सोनभद्र 1, ललितपुर 1, बिजनौर 1, कुशीनगर 1, हमीरपुर 1।
कुल – 450 हार्वेस्टर।